सीएम से मिले इंकैब कर्मचारी, कंपनी बचाने की मांग Jamshedpur News
अप्रैल 2000 से बंद पड़ी इंकैब इंडस्ट्री को पुर्नजीवित करने और इसे दिवालिया होने से बचाया जाए। इस मांग के साथ प्रतिनिधिमंडल ने सीएम हेमंत सोरेन से मिला।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। अप्रैल 2000 से बंद पड़ी इंकैब इंडस्ट्री को पुर्नजीवित करने और इसे दिवालिया से बचाया जाए। इस मांग के साथ मंगलवार को कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व कर रहे भगवती सिंह जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रांची स्थित उनके कार्यालय में मिले।
इस दौरान कर्मचारियों की मांगों का एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौपा गया। इंकैब कर्मचारी भगवती सिंह ने दावा किया कि उन्हें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आश्वस्त किया कि सरकार इस दिशा में जरूर पहल करेगी। कर्मचारी इस दिशा में पहल करे। मालूम हो कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की कोलकाता बेंच ने इंकैब कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया है।
साथ ही कोर्ट ने परि समापक प्रतिनियुक्त कर दिवालिया की कार्रवाई 24 मार्च तक पूरा करने का निर्देश दिया है। हालांकि कर्मचारियों ने इस आदेश को अपीलिएट कोर्ट, नई दिल्ली में भी चुनौती दी है।
टीआरएफ को दिवालिया घोषित कर बकाया दिलवाने के लिए याचिका दायर करने की तैयारी
टाटा रॉबिन्स फ्रेजर (टीआरएफ) कंपनी दिवालिया किया जाए। मेसर्स आदित्य कंस्ट्रक्शन ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ इनसॉल्वेंसी एंड बैंक करप्सी (आईबीसी) कोड 2016 के तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की कोलकाता बेंच में याचिका दायर कर रही है।
मेसर्स आदित्य कंस्ट्रक्शन के अधिवक्ता आकाश शर्मा ने बताया कि टीआरएफ कंपनी पर साढ़े आठ लाख रुपये बकाया है। हर बार कंपनी प्रबंधन बिल भुगतान में आनाकानी कर रही है। पिछले दिनों आइबीसी के सेक्शन आठ के तहत कंपनी प्रबंधन को नोटिस भेजकर 10 दिनों में पूरे मामले में जवाब देने का आग्रह किया था।
विगत 14 मार्च को इसकी मियाद पूरी होने के बावजूद कंपनी प्रबंधन की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई। ऐसे में मेसर्स आदित्य कंस्ट्रक्शन की ओर से आईबीसी की धारा सेक्शन नौ के तहत कंपनी को दिवालिया कर पैसे दिलाने की मांग कोर्ट से की जाएगी।