टाटा स्टील में पॉड सिस्टम से लग रही है कोरोना पर लगाम, जानिेए कैसे काम करता है यह सिस्टम Jamshedpur News
टाटा स्टील ने कोरोना वायरस संक्रमण के बीच अपने उत्पादन को सुचारू रूप से जारी रखने और सभी कर्मचारियों को भी बचाने के लिए पॉड सिस्टम के रूप में एक तकनीक अपनाई है।
जमशेदपुर (जासं) । टाटा स्टील ने कोरोना वायरस संक्रमण के बीच अपने उत्पादन को सुचारू रूप से जारी रखने और सभी कर्मचारियों को भी बचाने के लिए पॉड सिस्टम के रूप में एक तकनीक अपनाई है। इसके कारण कर्मचारी भी नहीं के बराबर संक्रमित हो रहे हैं। जमशेदपुर में इन दिनों कोरोना सामुदायिक फैलाव की ओर बढ़ चुका है। ऐसे में संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। भविष्य को ध्यान में रखते हुए टाटा स्टील ने जमशेदपुर स्थित अपने मदर प्लांट पॉड सिस्टम को प्रभावी किया है।
जिसका अर्थ होता है समान कार्यक्षेत्र वाले कर्मचारियों का समूह। इसका उद्देश्य कर्मचारियों को अलग-अलग समूह में बांटकर एक-दूसरे के संपर्क में आने से बचाना है। टाटा स्टील ने कोरोना वायरस के कारण अपना उत्पादन 11 मिलियन टन से घटाकर कम किया है। ऐसे में आवश्यक कार्यों के लिए आधे कर्मचारियों को ही काम पर बुलाया जा रहा है। टाटा स्टील में लगभग 13 हजार स्थायी और 20 हजार ठेका कर्मचारी कार्यरत हैं।
ऐसे काम करता है पॉड
एक विभाग में यदि 40 कर्मचारी कार्यरत हैं तो 8 से 12 कर्मचारियों के चार समूह में बांटा गया हैं। तीन समूह तीन शिफ्ट में काम करेंगे। जबकि चौथा समूह स्टैंड बाय में सुरक्षित रहेगा।यदि तीन समूह में से कोई भी कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हुआ तो पूरे समूह को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखा जाएगा और उसके बदले आरक्षित समूह उसकी जगह काम करेगा। यह सिस्टम सभी कर्मचारियों में कोरोना फैलाव को रोकने में भी कारगर है। हर पॉड की ड्यूटी समाप्त होगी तो पूरे विभाग को सैनिटाइज किया जाता है। साथ ही एक पॉड का कर्मचारी दूसरे पॉड के संपर्क में न आए, इसका भी ख्याल रखा जाता है। इस नई व्यवस्था से अब तक मात्र चार से पांच पॉड ही संक्रमित हुए है।
प्लांट और कर्मचारियों को सुरक्षित रखने के लिए टाटा स्टील ने पॉड सिस्टम को लांच किया है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों को समूह में काम करने के बजाए अलग-अलग पॉड में काम कराते हुए उत्पादन को सुचारू रूप से जारी रखना है।
- रुना राजीव कुमार, हेड, कॉरपोरेट कम्युनिकेशन