Yoga Tips : डायबिटीज एवं पाचन तंत्र को दुरूस्त रखना है तो करें हलासन

Diabetes Prevention योग एक्सपर्ट श्वेता पाठक कहती हैं कि हलासन करने के लिए सबसे पहले स्वच्छ वातावरण और समतल स्थान पर चटाई या दरी बिछा लें। अब इस पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को मैट पर रखें।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 05:41 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 05:41 PM (IST)
Yoga Tips : डायबिटीज एवं पाचन तंत्र को दुरूस्त रखना है तो करें हलासन
जमशेदपुर की योग एक्सपर्ट श्वेता पाठक बता रही हैं, हलासन के फायदे।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : एक स्वस्थ और तनाव रहित जीवन के लिए योग का बड़ा ही महत्व है। चाहे बात शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की हो या फिर फिट रहने की। योग हमें हर तरीके से सहायता करता है। हलासन करने से डायबिटीज को कंट्रोल करने के साथ ही हमारे पाचन तंत्र को दुरूस्त रखने में मदद करता है। यही नहीं श्वेता पाठक कहती हैं कि जिन लोगों को अनिद्रा की शिकायत है, उनके लिए हलासन रामबाण औषधि है। इसे करने से अनिद्रा और तनाव दोनों दूर होता है। इसलिए रोजाना हलासन जरूर करें। यदि किसी तरह की कोई परेशानी है या योग सिखने के लिए +918445566141 पर संपर्क कर सकते हैंं। जमशेदपुर की योग एक्सपर्ट श्वेता पाठक बता रही हैं, हलासन के फायदे, हलासन करने की विधि और सावधानियां।

हलासन करने का तरीका

योग एक्सपर्ट श्वेता पाठक कहती हैं कि हलासन करने के लिए सबसे पहले स्वच्छ वातावरण और समतल स्थान पर चटाई या दरी बिछा लें। अब इस पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को मैट पर रखें। अब धीरे-धीरे अपने पैरों को एक सीध में ऊपर उठाएं और फिर कमर के सहारे अपने सिर के पीछे ले जाएं। इसे तब तक सिर के पीछे ले जाएं। जब तक आपके पैर ज़मीन को छू ना लें। अब अपनी क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में रहें और फिर अपनी नार्मल पोजीशन में आ जाएं। इस योग को रोजाना पांच बार जरूर करें।

हलासन के फायदे

हलासन पाचन तंत्र के अंगों की मसाज करता है और पाचन सुधारने में मदद करता है। हलासन करने से डायबिटीज बीमारी को कंट्रोल में रखा जा सकता है। मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और वजन घटाने में मदद करता है। मधुमेह रोगियों के लिए सबसे बेस्ट आसन है, क्योंकि यह शुगर लेवल को कंट्रोल करता है यदि आपको नींद नहीं आ रही है तो यह अनिद्रा में फायदेमंद है।

हलासन के अभ्यास में सावधानियां अगर आपको डायरिया या गर्दन में चोट की समस्या है तो हलासन का अभ्यास न करें। अगर आप हाई बीपी या अस्थमा के मरीज हैं तो ये आसन न करें। हलासन के अभ्यास के दौरान समस्या होने पर टांगों को सहारा दिया जा सकता है । हलासन का अभ्यास शुरुआत में किसी योग्य योग ट्रेनर की देखरेख में ही शुरू करें। शुरुआत में आप अपनी गर्दन पर ज्यादा खिंचाव महसूस कर सकते हैं। आपके कंधों का ऊपरी हिस्सा जमीन को छूता रहे ताकि पीठ को ज्यादा सपोर्ट मिल सके। कंधों का दबाव कान पर बनाने की कोशिश करें इससे कनपटी और गला मुलायम बनते हैं।

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