Yoga Tips : कमर एवं पीठ का दर्द से हैं परेशान तो करें अर्ध मत्स्येंद्रासन, ये रहे योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा के टिप्स
Ardha Matsyendrasana अर्ध मत्स्येंद्रासन का नियमित अभ्यास करने से मेरूदंड स्वस्थ रहता है। इससे यौवन की स्फूर्ति बनी रहती है। रीढ़ की हड्डी तो मजबूत रहती ही है साथ में नसों की भी अच्छी कसरत हो जाती है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : यदि आप कमर दर्द और पीठ के दर्द से बहुत ही ज्यादा परेशान हैं तो इस समस्या के समाधान के लिए आप अर्धमत्स्येंद्रासन योगा कर सकते हैं। जमशेदपुर की योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा कहती हैं कि यदि आप योग करने का शौकीन हैं तो आपको यह अर्ध मत्स्येंद्रासन का पोज जरूर आता होगा। कहा जाता है कि मत्स्येंद्रासन की रचना गोरखनाथ के गुरु स्वामी मत्स्येंद्रनाथ ने की थी। वे इस आसन में ध्यान किया करते थे। मत्स्येंद्रासन की आधी क्रियाओं को लेकर अर्ध मत्स्येंद्रासन प्रचलित हुआ है।
अर्धमत्स्येंद्रासन करने से लाभ
योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा कहती हैं कि अर्ध मत्स्येंद्रासन का नियमित अभ्यास करने से मेरूदंड स्वस्थ रहता है। इससे यौवन की स्फूर्ति बनी रहती है। रीढ़ की हड्डी तो मजबूत रहती ही है साथ में नसों की भी अच्छी कसरत हो जाती है। अर्धमत्स्येंद्रासन योग प्रतिदिन करने से पीठ, पेट की नलें, गर्दन, हाथ, कमर, नाभि से नीचे के भाग, छाती की नाड़ियों को अच्छा खिंचाव मिलने से उन पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। इससे बंधकोष दूर होता है। जठराग्नि तीव्र होती है। कमर, पीठ और संधिस्थानों के दर्द जल्दी दूर हो जाते हैं।
अर्धमत्स्येंद्रासन योग करने की विधि