कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में अभी तक नहीं बनी आइसीयू

देश-विदेश में फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। केरल व महाराष्ट्र की स्थिति बेकाबू है। वहीं वैज्ञानिकों ने अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई है जिसे लेकर देशभर में तैयारी जोर-शोर से चल रही है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 05:55 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 05:55 PM (IST)
कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में अभी तक नहीं बनी आइसीयू
इससे निपटने के लिए जमशेदपुर में भी विशेष तैयारी चल रही है।

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। देश-विदेश में फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। केरल व महाराष्ट्र की स्थिति बेकाबू है। वहीं, वैज्ञानिकों ने अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई है, जिसे लेकर देशभर में तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इससे निपटने के लिए जमशेदपुर में भी विशेष तैयारी चल रही है।

कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 100 बेड का अस्थायी आइसीयू बनाया जा रहा है लेकिन अभी तक यह तैयार नहीं हो सका है। ऐसे में अगर जमशेदपुर में कोरोना संभावित तिथि से पहले पहुंचा तो उससे निपटना काफी मुश्किल होगा। हालांकि, निर्माणाधीन आइसीयू का जायजा लेने बीते शनिवार को ही एसडीओ संदीप कुमार मीणा पहुंचे थे। लेकिन इसे समय पर तैयार करना किसी चुनौती से कम नहीं है। एमजीएम में ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण पूरा

कोरोना की दूसरी लहर में देखा गया कि मरीजों को ऑक्सीजन के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने देशभर के कोविड अस्पतालों में पीएसए (प्रेशर स्विंग एब्सार्पशन) ऑक्सीजन प्लांट लगाने का निर्णय लिया था। प्लांट का निर्माण एमजीएम में पूरा हो चुका है। अब सर्विस इंजीनियर का इंतजार हो रहा है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि सर्विस इंजीनियर की ओर से हरी झंडी मिलते ही इस प्लांट को चालू कर दिया जाएगा। इससे मरीजों को काफी लाभ मिलेगा।

बरकरार है मैनपावर की कमी

दूसरी लहर के दौरान एमजीएम अस्पताल में डॉक्टर, नर्स व स्वास्थ्य कर्मियों की भारी संकट पड़ गई थी। इसे देखते हुए तीसरी लहर से पूर्व बहाली करने की तैयारी है लेकिन अभी तक नहीं हुई है। अस्पताल में अलग से 100 बेड का आइसीयू का निर्माण किया जा रहा है। उसे संचालित करने के लिए भी अलग से डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन सहित अन्य कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी।

वेंटिलेटर चलाने के लिए विशेषज्ञ नहीं

कोरोना के गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए एमजीएम को लगभग 30 से अधिक वेंटिलेटर उपलब्ध कराया गया है लेकिन इसे संचालित करने के लिए टीम नहीं है। इसे लेकर दूसरी लहर में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। उसके बावजूद भी अभी तक विशेषज्ञों की बहाली नहीं हुई है।

टाटा स्टील ने एमजीएम को दिया 70 सिलेंडर

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए टाटा स्टील फाउंडेशन ने एमजीएम अस्पताल को 70 सिलेंडर उपलब्ध कराया है। ये ऑक्सीजन सिलेंडर चिकित्सीय संसाधनों को दुरुस्त रखने में काफी उपयोगी होंगे।

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