ICSE 10th, ISC 12th Result 2021: परिणाम से असंतुष्ट छात्र दे सकते दोबारा परीक्षा, एक अगस्त तक करा सकते रजिस्ट्रेशन

सीआइएससीई द्वारा जारी परीक्षा परिणाम से अगर कोई छात्र संतुष्ट नहीं है तो वे दोबारा परीक्षा के लिए आवेदन दे सकते हैं। इन छात्रों के लिए रजिस्ट्रेशन 26 जुलाई से प्रारंभ होगा। एक अगस्त को अंतिम तिथि निर्धारित की गई है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 10:44 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 11:03 AM (IST)
ICSE 10th, ISC 12th Result 2021: परिणाम से असंतुष्ट छात्र दे सकते दोबारा परीक्षा, एक अगस्त तक करा सकते रजिस्ट्रेशन
परीक्षा में वैसे छात्र भी शामिल हो सकते हैं जो किसी विषय में फेल हैं।

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। सीआइएससीई द्वारा जारी परीक्षा परिणाम से अगर कोई छात्र संतुष्ट नहीं है तो वे दोबारा परीक्षा के लिए आवेदन दे सकते हैं। इन छात्रों के लिए रजिस्ट्रेशन 26 जुलाई से प्रारंभ होगा। एक अगस्त को अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। इस परीक्षा में वैसे छात्र भी शामिल हो सकते हैं जो किसी विषय में फेल हैं। परीक्षा कब होगी यह अभी तय नहीं है। रजिस्ट्रेशन स्कूल के माध्यम से होगा।

आइसीएसई दसवीं की परीक्षा में इस बार बालकों ने बाजी मारी है। बालकों का पास प्रतिशत 100 है, वहीं बालिकाओं का पास प्रतिशत 99.98 फीसद है। आइएससी में छात्रों से छात्राएं आगे निकल गई। बालिकाओं का पास प्रतिशत 99.96 रहा, वहीं बालकों का पास प्रतिशत 99.83 रहा। झारखंड में आइसीएसई दसवीं के स्कूल-112 आइएससी 12वीं के स्कूल-50

परीक्षा में भाग लेने वाले छात्र

आइसीएसई दसवीं-13, 641 बालक-7, 335-53.77 प्रतिशत बालिका-6, 305-46.23 प्रतिशत आइएससी 12वीं-4, 823 बालक-2, 302-47.73 प्रतिशत बालिका-2, 521-52.27 प्रतिशत पास प्रतिशत आइएससीई-99.99 प्रतिशत आइएससी-99.90 प्रतिशत पूरे देश में आइसीएसई (कक्षा दसवीं) के 2,422 स्कूल हैं। दसवीं की परीक्षा में कुल दो लाख 19 हजार 454 विद्यार्थियों ने भाग लिया। कुल दो लाख 19 हजार 454 छात्रों ने सफलता हासिल की। सिर्फ 45 छात्र असफल रहे। आइसीएसई परीक्षा में एक लाख 653 बालिकाओं ने भाग लिया। कुल एक लाख 635 बालिकाओं ने सफलता हासिल की। सिर्फ 18 छात्राएं असफल रहीं। आईसीएसई परीक्षा में देश भर में एक लाख 18 हजार 846 छात्रों ने भाग लिया। दसवीं की परीक्षा में 1, 18, 819 छात्र सफल रहे। मात्र 27 छात्र असफल रहे। आइएससी 12वीं देश-विदेश में में आइएससी के 1, 166 स्कूल हैं। 12वीं की परीक्षा में कुल 94, 011 छात्रों ने हिस्सा लिया। 93, 781 छात्र सफल रहे, जबकि 230 छात्रों को असफलता हाथ लगी। 12वीं की परीक्षा में कुल 43, 552 छात्राओं ने हिस्सा लिया। इसमें 43, 493 छात्राएं सफल रही, जबकि 59 छात्राएं असफल रहीं। परीक्षा में कुल 50, 459 छात्र शामिल हुए। 12वीं की परीक्षा में 50, 2888 छात्र सफल रहे, जबकि 171 असफल रहे।

 लोयोला के छात्र संभव को आइसीएसई में मिला 99.4 प्रतिशत अंक

लोयोला स्कूल के आइसीएसई के छात्र संभव झा को 99.4 प्रतिशत अंक मिला है। संभव को इंग्लिश में 98, मैथ्स में 100, सोशल साइंस में 100, कंप्यूटर में 100 तथा साइंस में 97 अंक प्राप्त हुए। कुल 500 अंक में से 497 अंक प्राप्त हुए। संभव ने बताया कि बोर्ड परीक्षा नहीं हुई, प्री बोर्ड हुआ। ऑनलाइन क्लासेस में ध्यान दिया तथा समय आधारित पढ़ाई की। नोट्स को रिवाइज किया। टेक्सट बुक्स को बार-बार साॅल्व किया। छात्र ने बताया कि छोटी परीक्षाओं को भी अब स्कूल में गंभीरता से लेना होगा। कोविड ने हमें यह सीख दी है। वर्तमान मूल्यांकन प्रणाली से सारे बच्चों को फायदा हुआ। यहां तक आंतरिक नंबर से भी छात्रों को फायदा हुआ। वह भविष्य में इंजीनियर बनना चाहते हैं। ठंडे दिमाग से छात्रों को परीक्षा देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरों से भी प्रेरणा लेने की जरूरत है। अच्छे परिणाम सामने होंगे। कूल दिमाग से बच्चों को एग्जाम देना है। दूसरे से इंसपीरेशन लेकर पढ़ेंगे तो अच्छे रिजल्ट आएंगे। संभव के पिता सुनील कुमार झा विद्या ज्योति स्कूल गम्हरिया के प्रिंसिपल हैं तथा मां शीला झा उत्क्रमित मध्य विद्यालय, कांदरबेडा, चांडिल की प्रधानाध्यापिका हैं।

नौवी में पूरी कर ली थी 10वीं की पढ़ाई, बना टॉपर

डीबीएमएस स्कूल कदमा के 10वीं साइंस से कुमार सुजल ने 98 प्रतिशत अंक लाकर टॉप में जगह बनाई है। पढ़ाई में आगे रहने के लिए सुजल ने नौवी में ही 10वीं की पढ़ाई कर ली थी। जिसके कारण उसे बाद में समझने में आसानी हुई। सुजल का कहना है कि कोविड 19 के कारण ऑनलाइन पढ़ाई के बाद वह उसे फिर से पढ़कर कंठस्थ कर लेता था। इसके अलावा हर दिन तीन-चार घंटे पढ़कर पहले पढ़े हुए विषयों को रिवाइज भी करता था। सुजल आगे चलकर इंजीनियर बनना चाहता है। इसके लिए अभी से जेई की तैयारी शुरू कर दी है। सुजल के पिता सरोज कुमार बिजनेसमैन और मां सुनीता गुप्ता गृहिणी हैं। जबकि बहन श्रृति गुप्ता ओडिशा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है। सुजल को अंग्रेजी में 92, गणित में 100, कम्प्यूटर में 100, साइंस में 99 और हिंदी में 99 अंक मिले हैं। हार्ड वर्क के बजाए स्मार्ट वर्क से की पढ़ाई, बना कॉमर्स टॉपर

डीबीएमएस इंग्लिश स्कूल से आइएससी कॉमर्स से 99.25 प्रतिशत अंक लाकर अमोघ भास्कर जोशी स्कूल टॉपर बना है। अमोघ का कहना है कि सफल होने के लिए उसने हार्ड वर्क के बजाए स्मार्ट वर्क से पढ़ाई की। इकोनॉमिक्स में केस स्टडी और दूसरे विषयों के एप्लीकेशन को समझ कर पढ़ने की कोशिश की और इसमें उसे सफलता भी मिली। परीक्षा से एक माह पहले सेल्फी स्टडी के माध्यम से पढ़ाई में पूरा फोकस किया। अमोघ के पिता भास्कर अनंत जोशी जमशेदपुर कोर्ट में अधिवक्ता हैं जबकि मां सीमा भास्कर जोशी कुशल गृहिणी हैं। जबकि अमोघ का बड़ा भाई शुभम रिम्स रांची में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। अमोघ को अंग्रेजी में 99, कॉमर्स में 100, इकोनॉमिक्स में 100 और एकाउंट्स में 98 अंक मिले हैं।

परीक्षा देने वाले 100 प्रतिशत बच्चे सफल : प्रिंसिपल

स्कूल से 12वीं में 137 जबकि 10वीं में 176 बच्चों ने परीक्षा दी और 100 प्रतिशत बच्चे सफल रहे। पिछले वर्ष 12वीं साइंस में टॉपर को 97 प्रतिशत मिला था जबकि इस वर्ष 99.25 प्रतिशत मिला है। ऐसे में पिछली बार की तुलना में इस बार स्कूल का रिजल्ट और बेहतर हुआ है। इस वर्ष आईसीएसई में छह बच्चों को 98 प्रतिशत से ज्यादा अंक मिले हैं।

-रजनी शेखर, प्रिसिंपल, डीबीएमएस इंग्लिश स्कूल, कदमा

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