Jharkhand: कभी खुद हुई थीं मानव तस्करी का शिकार, अब सुरक्षा प्रहरी बनकर बेसहारा बच्चियों को बचाएंगी

Human Trafficking बेसहारा नाबालिग बच्चे-बच्चियों की सुरक्षा के लिए 18 महिला सुरक्षा प्रहरी तैनात की गई हैं जो इन बच्चों को बाल तस्करी से बचाएंगी। बड़ी बात यह है कि सुरक्षा प्रहरी भी मानव तस्करी का शिकार हो चुकी थीं।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 06:20 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 10:00 AM (IST)
Jharkhand: कभी खुद हुई थीं मानव तस्करी का शिकार, अब सुरक्षा प्रहरी बनकर बेसहारा बच्चियों को बचाएंगी
कठिन परिस्थिति में रहने वाले प्रत्येक बच्चों को चिह्नित किया जाएगा

जमशेदपुर, जासं। पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा प्रखंड स्थित गोबरघुसी गांव में बाल कल्याण संघ, जिला प्रशासन पूर्वी सिंहभूम व एटसेक झारखंड चैप्टर के सहयोग से बाल कल्याण आश्रम चलता है। यहां रहने वाली बेसहारा नाबालिग बच्चे-बच्चियों की सुरक्षा के लिए 18 महिला सुरक्षा प्रहरी तैनात की गई हैं, जो इन बच्चों को बाल तस्करी से बचाएंगी। बड़ी बात यह है कि सुरक्षा प्रहरी भी मानव तस्करी का शिकार हो चुकी थीं।

जिले के उपायुक्त सूरज कुमार व जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर सुरक्षा प्रहरियों का हौसला बढ़ाया। इस मौके पर अपने संबोधन में उपायुक्त सूरज कुमार ने कहा कि खूंटी का उपायुक्त होने के दौरान मैंने करीब से मानव तस्करी के मामले को देखा और मुझे लगा कि यह एक चुनौती है, जिसे हम सब को मिलकर काम करना चाहिए। इसके बाद हम लोगों ने संवर्धन कार्यक्रम करने का निर्णय लिया। इसमें राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नीति आयोग व जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार का सहयोग मिला। बाल कल्याण संघ इस कार्यक्रम को तकनीकी सहयोग देने के लिए आगे आया था, जो आज भी जारी है। खूंटी जिले में संवर्धन कार्यक्रम के तहत जोखिम में रहने वाले सभी बच्चों को चिह्नित करने का कार्य किया।

पूर्वी सिंहभूम में १७ अगस्त को होगी शुरुआत

पूर्वी सिंहभूम जिले में भी 17 अगस्त को संवर्धन कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा। इसके अंतर्गत कठिन परिस्थिति में रहने वाले प्रत्येक बच्चों को चिह्नित किया जाएगा, ताकि मानव तस्करी, बाल श्रम, बाल विवाह, बाल यौन शोषण जैसे अपराधों में बच्चों को जाने से रोका जा सके और इन परिवारों को सरकार के द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का प्रयास किया जा सके, जिससे कि इन कुरीतियों पर लगाम लग सके और बच्चे सुरक्षित जीवन यापन कर सकें। ऐसे बच्चों को चिह्नित करने का काम जनजातीय कल्याण मंत्रालय, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, एशिया फाउंडेशन व जिला प्रशासन पूर्वी सिंहभूम के सहयोग से बाल कल्याण संघ द्वारा किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि ऐसे जरूरतमंद बच्चों में मैपिंग करने के लिए पूरी टीम को लगाकर समय पर पूरा किया जाएगा। जिला के सभी जरूरतमंद बच्चों और परिवारों को सामाजिक सुरक्षा योजना से लाभान्वित किया जाएगा।

मानव तस्करी बिल लागू होने से मिलेगी मदद : सरयू

अपने संबोधन में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने कहा कि भारत सरकार द्वारा बनाया गया मानव तस्करी विरोधी बिल का हम समर्थन करते हैं। विभिन्न स्वयंसेवी संस्था भी इसका समर्थन कर रही हैं और इस बिल को पास करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आने वाले समय में बाल अधिकारों पर हो रहे हमले को रोकने के लिए यह बिल काफी मददगार होगा। सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल के लक्ष्य के अनुरूप 2030 तक समाज को बेहतर स्थिति में लाना है। इसके लिए हमसब मिलकर प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी संस्थओं की कठिनाइयों को मैं जानता हूं। सरकार ऐसे संगठनों का सहयोग करे।

सुरक्षा प्रहरियों को मिला तीन माह का प्रशिक्षण

बाल कल्याण संघ के सचिव सह राज्य समन्वयक एटसेक झारखंड चैप्टर संजय कुमार मिश्र ने स्वागत भाषण में कहा कि कठिन परिस्थिति में जीवन बसर करने वाली युवतियों को बाल कल्याण संघ द्वारा तीन महीने का सुरक्षा प्रहरी का प्रशिक्षण दिया गया था। यह बच्चियां कोविड-19 कठिन परिस्थिति में जीवन बसर कर रही थीं। साथ ही ये ऐसी युवतियां हैं, जो कहीं न कहीं मानव तस्करी की शिकार हो चुकी थीं। इन्हें मुक्त कराकर आत्मसम्मान एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए बाल कल्याण संघ द्वारा तीन महीने का आवासीय प्रशिक्षण देकर स्वाभिमान के साथ जीवन जीने के लिए तैयार किया गया है। आज इस कार्यक्रम के माध्यम से इन युवतियों को एक नया आयाम मिलेगा और यह अपने भविष्य को साकार करने के लिए आगे आकर बेहतर कार्य करने के लिए जाएंगी।

इनकी रही उपस्थिति

कार्यक्रम का संचालन सुनील कुमार गुप्ता व धन्यवाद ज्ञापन सुरेश कुमार शक्ति ने किया, जबकि इस कार्यक्रम में प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी व झारखंड के विभिन्न जिलों के गैर सरकारी संस्थान के सचिव एवं अध्यक्षों ने भाग लिया इसके अलावा कार्यक्रम को सफल बनाने में बाल कल्याण संघ के प्रमोद कुमार वर्मा, ज्योति यादव चंद्रशेखर मिश्र, मुकेश बारिक प्रकाश सिंह, अनमोल कुमारी का अहम योगदान रहा।

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