यहां इंसानों से बढ़कर होती है गोवंश की देखभाल

आज के दौर में जहां बीमार होने पर लोग अपनों की देखभाल भी ठीक से नहीं करते वहीं एक ऐसी जगह भी है जहां बीमार और घायल गोवंश की सेवा इंसानों से बढ़कर की जाती है। वह भी निश्शुल्क।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 09:00 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 09:00 AM (IST)
यहां इंसानों से बढ़कर होती है गोवंश की देखभाल
यहां इंसानों से बढ़कर होती है गोवंश की देखभाल

पंकज मिश्रा, चाकुलिया : आज के दौर में जहां बीमार होने पर लोग अपनों की देखभाल भी ठीक से नहीं करते, वहीं एक ऐसी जगह भी है जहां बीमार और घायल गोवंश की सेवा इंसानों से बढ़कर की जाती है। वह भी निश्शुल्क। हम बात कर रहे हैं पूर्वी सिंहभूम जिला के चाकुलिया स्थित ध्यान फाउंडेशन गौशाला की। यहां बीमार मवेशियों के इलाज के लिए अलग से धनवंतरी वार्ड बनाया गया है। चाहे पुलिस व सीमा सुरक्षा बल द्वारा तस्करी से बचाए गए घायल मवेशी हों या सड़क दुर्घटना के शिकार लावारिस गोवंश, गौशाला के धनवंतरी वार्ड में इनका इलाज पूरी सेवा भावना के साथ की जाती है। यह एक प्रकार का आइसीयू है जहां बुरी तरह घायल मवेशियों का आवश्यकतानुसार ऑपरेशन भी किया जाता है। अभी गत सप्ताह ही घाटशिला के समीप गालूडीह में सड़क दुर्घटना में घायल एक बछड़े को गंभीर स्थिति में यहां लाया गया। उसका आगे का एक पैर बुरी तरह जख्मी था। स्थिति को देखते हुए धनवंतरी वार्ड में बछड़े का तुरंत ऑपरेशन किया गया। एंप्यूटेशन प्रक्रिया के जरिए उसका एक पैर काट कर हटा दिया गया। इससे उसकी जान बच गई। वह बछड़ा एक सप्ताह बाद अब स्वस्थ नजर आ रहा है। फिलहाल यहां ऐसे छह मवेशी हैं जिनका एंप्यूटेशन किया गया है। इनमें चार गोवंश एवं दो हिमालयन बकरे शामिल है। इस तरह बेहतर इलाज एवं सेवा सुश्रुषा के बल पर अब तक सैकड़ों गोवंश की जान यहां बचाई जा चुकी है। गायत्री मंत्र व महामृत्युंजय का होता है पाठ : धनवंतरी वार्ड में बीमार एवं बूढ़े गोवंश के लिए नित्य प्रतिदिन गायत्री मंत्र एवं महामृत्युंजय पाठ स्पीकर के माध्यम से की जाती है। गौशाला की संचालिका डाक्टर शालिनी मिश्रा ने बताया कि यहां आने वाले तमाम गोवंश तस्करों या कसाइयों से छुड़ाकर लाए जाते हैं। तस्करों द्वारा इन्हें मरकरी का इंजेक्शन देने के कारण उनकी स्थिति खराब रहती है। इसलिए इनकी विशेष देखभाल करनी पड़ती है। सड़क हादसों में घायल गोवंश के इलाज पर भी ध्यान देना पड़ता है। डा. मिश्रा खुद एमबीबीएस चिकित्सक हैं जबकि उनके साथ दो अन्य सहायक पशु चिकित्सक डा. राजेंद्र एवं मृत्युंजय समेत कुल 10 पारा वेटनरी स्टाफ हैं। गोवंश को लगाए जाएंगे कृत्रिम पैर : ध्यान फाउंडेशन संस्था की कार्यकर्ता डा. शालिनी मिश्रा बीते सवा दो वर्षों से चाकुलिया में रहकर गोसेवा का काम पूरे मनोयोग से कर रही हैं। इस समय गौशाला में कुल 11000 मवेशी है। इनमें से 150 घायल व बीमार हालत में है, जिनका इलाज धनवंतरी वार्ड में चल रहा है। जिन गाय एवं बछड़ों के पैर एंप्यूटेशन के तहत काटे गए हैं उन्हें जल्द ही कृत्रिम पैर लगाए जाएंगे। इसके लिए जयपुर के डा. तापस माथुर से संपर्क किया गया है जो जल्द ही चाकुलिया आकर गोवंश को कृत्रिम पांव लगाएंगे। डा. शालिनी ने बताया कि ध्यान फाउंडेशन के संस्थापक गुरु अश्विनी जी की प्रेरणा से सभी कार्यकर्ता गोवंश की सेवा में जुटे हैं। यह मोक्ष प्राप्ति का सर्वोत्तम मार्ग है।

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