Health Tips : सावन में दही क्यों करता है नुकसान, जानिए आयुर्वेद चिकित्सकों की राय

Health Tips आमतौर पर दही को स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद माना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि सावन में दही खाने से कई तरह की बीमारी हो सकती है। मानसून के दौरान शरीर के रोमछिद्र बंद हो जाते हैं जिससे मानसूनी बीमारी होती है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 09:44 AM (IST)
Health Tips : सावन में दही क्यों करता है नुकसान, जानिए आयुर्वेद चिकित्सकों की राय
सावन में दही क्यों करता है नुकसान, जानिए आयुर्वेद चिकित्सकों की राय

जमशेदपुर : दही सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है लेकिन अगर आप सावन में खाते हैं तो सावधान। यह आपकी सेहत बिगाड़ भी सकता है। आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार, दही में अभिष्यंद गुण होता है और मानसून में शरीर के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। सावन में मानसून की बारिश अधिक होती है। यह स्थिति कई तरह की शारीरिक समस्याओं को बढ़ाने वाली होती है।

सावन में दही खाने से हो सकती है कई बीमारियां

सावन में दही खाने से गले में खराश, कफ जमा हो जाना, शरीर के जोड़ों में दर्द होना, पुराना दर्द का अचानक उभर आना, पाचन में समस्या व स्त्राव की समस्या बढ़ जाती है। चूंकि सावन का महीना बारिश का माह है जिसमें शरीर के दोष इंबैलेंस हो जाते हैं। मानसून में वात बढ़ जाता है और पित्त भी इक्ट्ठा होता है। जिसके कारण हमें कई तरह की पेट संबंधी समस्याएं शुरू हो जाती है। शरीर का स्वास्थ्य इन तीनों दोषों पर निर्भर करता है। अगर ये तीनों दोष का संतुलन शरीर में बिगड़ जाए तो बीमारी होना लाजिमी है। ऐसे में आपको विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

 

सावन में दही खाने से इंफेक्शन भी बढ़ जाता

आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार, सावन में दही खाने से शरीर में इंफेक्शन भी बढ़ सकता है। इसलिए इस मौसम में दही बाड़ा, छाछ, इडली, ढोकला नहीं खाने की सलाह दी जाती है। दही खाने के लिए सबसे अच्छा मौसम गर्मी होता है। गर्मी के मौसम में दही का शर्बत बनाकर भी लोग पीते हैं। इससे शरीर को ठंडक मिलती है। यह लू से भी बचाती है। लेकिन बारिश में दही खाने से शरीर में इंफेक्शन बढ़ा देता है।

दही का तासीर ठंडी होती

दही का तासीर ठंडी होने की वजह से भी सेहत को नुकसान पहुंचाता है। आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार, बारिश के मौसम में ताजा और गरम खाना खाने की सलाह देते हैं और ठंडी चीजें खाने से परहेज करने को कहते हैं। इस मौसम में पित्त और वात बढ़ जाती है। क्योंकि पाचन शक्ति भी बिगड़ जाती है।

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