धतकीडीह में कम नहीं हुआ जांडिस का प्रकोप, अब तक तीन लोगों की मौत

धतकीडीह इलाके में जांडिस की वजह से एक और व्यक्ति की जान चली गई है

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 02:08 AM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 02:08 AM (IST)
धतकीडीह में कम नहीं हुआ जांडिस का प्रकोप, अब तक तीन लोगों की मौत
धतकीडीह में कम नहीं हुआ जांडिस का प्रकोप, अब तक तीन लोगों की मौत

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : धतकीडीह इलाके में जांडिस की वजह से एक और व्यक्ति की जान चली गई है। कबीरा स्कूल के चपरासी मो. कैसुल (45) ने रविवार को दम तोड़ दिया। पिछले 25 दिनों में यह तीसरी मौत है। इससे पहले वाहन धोने वाले अकरम खान और ए-ब्लाक की एक बुजुर्ग महिला की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। दूसरी ओर ए और बी ब्लॉक में इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की तादाद घटी नहीं है। मंगलवार शाम को शकील खान की हालत ज्यादा बिगड़ने के कारण उन्हें टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) के क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में दाखिल कराना पड़ा। वहीं शाहजहां बेगम, परवेज खान, मो. उसमान उर्फ बब्बू, फिरोज खान, फिरदौस खान, शौकत हुसैन समेत दर्जनों लोग इलाके के अलग-अलग डॉक्टरों से इलाज करा रहे हैं।

मेडिका क्लीनिक के प्रमुख जावेद खान के अनुसार रोजाना 4-5 मरीज उनके यहां डॉ. नफीस खान से इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं 2 से 3 मरीज डॉ. गुलाब, डॉ. एचआर खान और डॉ. महापात्रा के पास भी रोजाना पहुंच रहे हैं।

पूर्वी सिंहभूम डिस्ट्रिक्ट सर्विलास विभाग ने हाल ही में धतकीडीह में जाडिस के प्रकोप को डिटेक्ट किया था। इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया और जांच के लिए विशेष तौर पर नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की टीम को बुलाना पड़ा। कई दिनों की पड़ताल के बाद एनसीडीसी की ओर से डिप्टी कमिश्नर अमित कुमार को 30 अगस्त को सौंपी गई। जाच रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि 28 अप्रैल से जाडिस के मामलों में इजाफा हुआ। अधिकतर मामले मदरसा फैजल उलूम, बी-ब्लॉक के लाइन नंबर 7 व 8 में पाए गए। ए ब्लॉक के लाइन नंबर 5, 6 और हरिजन बस्ती में मिले। टीम ने जाच के दौरान सामने आया कि वाटर सप्लाई लाइन में लीकेज के कारण सीवर का गंदा पानी इसमें मिक्स हुआ और इसके सेवन से लोग बीमार हुए। इसके अलावा क्षेत्र में सफाई की कमी को भी एक कारण बताया गया। जांच टीम ने स्पष्ट किया था कि जुस्को के वाटर ट्रीटमेंट प्लाट, वाटर स्टोरेज टैंक और वाटर लाइन में किसी तरह का प्रदूषण नहीं पाया गया। जो भी गड़बड़ी थी, वह अवैध रूप से जोड़ी गई वाटर सप्लाई लाइन में थी।

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60 साल पुराना है सीवर लाइन: अकील

धतकीडीह एक ब्लाक के रहने वाले अकील अहमद खान का दावा है कि करीब 60 साल से इलाके के सीवर पाइप को बदला ही नहीं गया है। इस वजह से कई स्थानों पर लीकेज की समस्या है। यही वजह है कि सीवर का गंदा पानी वाटर सप्लाई लाइन में मिक्स हो रहा है और बीमारी की वजह बन गया है।

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परवेज ने अवैध कनेक्शन कटवाया

इसी क्षेत्र के बी -ब्लॉक के रहने वाले परवेज खान का कहना है कि जगदीश होटल के सामने एक मकान मालिक ने अवैध रूप से वाटर सप्लाई का कनेक्शन जोड़ रखा था। आसपास के लोग उसी नल से पानी भरते थे। जांडिस फैलने के बाद जब उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों से इस बाबत शिकायत की तो कनेक्शन को काटा गया।

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एनसीडीसी टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में साफ कर दिया है कि इलाके में अवैध रूप से वाटर सप्लाई कनेक्शन लिए जाने के कारण ही बीमारी फैली है। हमने सभी अवैध कनेक्शनों को काट दिया है। अब लोगों को साफ पानी मिल रहा है।

-राजेश राजन, चीफ कारपोरेट कम्यूनिकेशन, जुस्को।

-------- कई मरीजों ने अपनाया झाड़-फूंक और टोटका

जांडिस से पीड़ित कई मरीज अलग-अलग डॉक्टरों से इलाज के अलावा झाड़-फूंक भी करवा रहे हैं। धतकीडीह ए-ब्लाक में खान बाबा के नाम से मशहूर मौलाना के मुताबिक रोजाना 6-7 मरीज उनके यहां झाड़-फूंक कराने को पहुंच रहे हैं। वे मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद ही झाड़-फूंक करते हैं। खान बाबा का कहना है कि झाड़-फूंक के साथ दवाई भी जरूरी है।

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