Jwellery Hallmarking Rule : हॉलमार्किंग के नए नियम से ग्राहक से लेकर बिजनेसमैन कंफ्यूज, आखिर करे तो क्या करे

Jwellery Hallmarking Rule हाल ही में केंद्र सरकार ने आभूषण की हॉलमार्किंग के नियम में बदले हैं। अब इस नियम से ग्राहक से लेकर बिजनेसमैन तक परेशान है। कारोबारियों का कहना है कि सरकार के पास इतने संसाधन ही नहीं है कि हर गहने की हॉलमार्किंग की जा सके।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Fri, 01 Oct 2021 10:45 AM (IST) Updated:Fri, 01 Oct 2021 10:45 AM (IST)
Jwellery Hallmarking Rule : हॉलमार्किंग के नए नियम से ग्राहक से लेकर बिजनेसमैन कंफ्यूज, आखिर करे तो क्या करे
हॉलमार्किंग के नए नियम से ग्राहक से लेकर बिजनेसमैन कंफ्यूज, आखिर करे तो क्या करे

जमशेदपुर, जासं। केंद्र सरकार ने सोने के आभूषण में हॉलमार्किंग का नियम जून से लागू कर दिया है। इसमें कहा गया है कि कारोबारियों को पुरानी ज्वेलरी का भी हॉलमार्किंग कराना होगा, क्योंकि इसे वे नहीं बेच सकते। इस नए नियम से आभूषण कारोबारी हैरान और घर-घर में लोग परेशान हैं।

जमशेदपुर ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन आडेसरा ने कहा कि सरकार का यह नियम इंस्पेक्टर राज को फिर से ले आएगा। ऐसा लगता है कि सरकार को राजस्व संग्रह में कम, ज्वेलर्स को परेशान करने में ज्यादा रुचि है। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं। जमशेदपुर में इसके खिलाफ आभूषण कारोबारी आधे दिन की सांकेतिक हड़ताल भी कर चुके हैं। इस नियम में कहा गया है कि अब कोई भी ज्वेलर बिना हॉलमार्किंग के नए या पुराने गहने नहीं बेच सकता है। यानी दुकान में पहले से बिना हॉलमार्किंग के जो गहने रखे हैं, उनकी भी हॉलमार्किंग करानी होगी।

बीआइएस पहले खोले हॉलमार्किंग सेंटर, फिर लागू करने नियम

विपिन आडेसरा कहते हैं कि हमें इस नियम से परेशानी नहीं है, लेकिन सरकार के पास इतने संसाधन ही नहीं हैं कि ज्वेलर्स सभी गहनों की हॉलमार्किंग कर सकें। देश में अभी हॉलमार्किंग सेंटर काफी कम हैं, जबकि डिमांड काफी ज्यादा। दुर्गापूजा, दीवाली, धनतेरस का त्योहार आने वाला है।

14 नवंबर से लगन भी शुरू हो जाएगा। फेस्टिव सीजन में ज्वेलरी की डिमांड और बढ़ने वाली है. जिससे देश के हॉलमार्किंग सेंटरों पर और दबाव बढ़ जाएगा। बाजार में ज्वेलरी तभी पहुंच पाएंगी, जब उनकी हॉलमार्किंग हो जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया में देरी होगी, लिहाजा ग्राहक और दुकानदार दोनों को देरी का अंजाम भुगतना होगा। मौजूदा समय में देश में करीब 1000 हॉलमार्किंग सेंटर हैं, जबकि बीआइएस (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड) के पास करीब डेढ़ से आवेदन लंबित हैं। ज्वेलर्स को अब नई ज्वेलरी के साथ-साथ पुरानी ज्वेलरी को हॉलमार्किंग करानी होगी।

ग्राहकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है 

बीआइएस के नए नियम से ग्राहकों में भी भ्रम की स्थिति है। ग्राहक जानना चाहते हैं कि उनके पास पहले से खरीदा या रखा हुआ सोना क्या होगा। ग्राहक कह रहे हैं कि क्या उन्हें भी हॉलमार्किंग करानी होगी। लेकिन ग्राहक को घबराने की जरूरत नहीं है। आपके घर में यदि पुरानी ज्वेलरी है, तो उसे लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। घर में रखे गहनों की हॉलमार्किंग कराना अनिवार्य नहीं है। नया नियम केवल ज्वेलर्स या आभूषण विक्रेताओं के लिए है। यदि दुकान में पहले की बनी बिना हॉलमार्क वाले गहने पड़े हैं, तो वे उसे अब बिना हॉलमार्क मार्किंग कराए नहीं बेच सकते हैं।

पुराने गहने खरीदने पर पाबंदी

सरकार ने साफ कर दिया है कि ज्वेलर्स ग्राहकों से बगैर हॉलमार्किंग वाली ज्वेलरी वापस खरीद सकते हैं। यही नहीं, ब्रांडेड ज्वेलर्स तो पुराने गहने 100 प्रतिशत मूल्य पर खरीद भी रहे हैं, जबकि अन्य 40 से 50 प्रतिशत वजन काटकर पुराने गहने खरीद रहे हैं। यह बात यह बताने के लिए काफी है कि लोगों के पास रखे सोने की ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग के नियमों का कोई असर नहीं होगा।

गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम केवल ज्वेलर्स के लिए है। वे ग्राहकों को बिना हॉलमार्किंग वाले आभूषण बेच नहीं सकते, बस। ग्राहक पहले की तरह अपने गहने दुकान में बेच सकते हैं। यही नहीं, वे पहले की तरह गहने बंधक या गिरवी रखकर आभूषण विक्रेता से पैसे भी ले सकते हैं।

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