आर्थिक तंगी की वजह से गिटार शिक्षक ने की आत्महत्या

Guitar teacher commits suicide. बिरसानगर जोन नंबर दो में रहनेवाले के.शेखर राव (45) ने अपने मकान की छत पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। शेखर राव स्कूलों में गिटार बजाकर अपने परिवार का संचालन करते थे। कुछ दिनों से वे तनाव में रहते थे।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 05:27 PM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 05:27 PM (IST)
आर्थिक तंगी की वजह से गिटार शिक्षक ने की आत्महत्या
लोगों ने बताया कि उन्होंने कुछ दिनों से शराब पीना शुरू कर दिया था।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बिरसानगर जोन नंबर दो में रहने वाले के.शेखर राव (45) ने अपने मकान की छत पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। शेखर राव स्कूलों में गिटार बजाकर अपने परिवार का संचालन करते थे। कुछ दिनों से काम नहीं मिलने की वजह से वे तनाव में रहते थे।

घटना रविवार की रात 9.30 बजे की है। के. शेखर राव रात 9.30 बजे लोटे थे। पत्नी ने सोचा था कि शायद वे छत पर टहलने के लिए गए होंगे। कुछ देर बाद जब पति को बुलाने छत पर पहुंची, तब देखा कि वे एक पाइप के सहारे केबुल वायर से फंदे पर झूल रहे हैं। इसके बाद शोर मचाकर पड़ोस के लोगों को बुलाया और पति को फंदे से उतारकर एमजीएम अस्पताल पहुंचाया। यहां पर डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।

कुछ दिनों से शराब पीना शुरू किया था

के शेखर राव के बारे में परिवार के लोगों ने बताया कि उन्होंने कुछ दिनों से शराब पीना शुरू कर दिया था। तनाव को दूर करने के लिए तीन दिनों से वे कुछ ज्यादा ही शराब पी रहे थे। रविवार की रात जब वे घर पर लौटे, तब भी अत्यधिक शराब पी रखी थी।

कोरोना काल में ही फाइनांस कराया था टीवी

के शेखर राव ने कोरोना काल में ही एक टीवी फाइनांस कराया था। टीवी का किस्त भी वे चुका नहीं पा रहे थे। इस कारण से भी वे तनाव में थे। कुछ माह पहले ही अपने पिता के प्रभाकर राव को ईलाज के लिए टाटा मोटर्स अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां पर 40 हजार रुपए किसी तरह से चुकाया था।

बच्चों का स्कूल फीस भी बना था बोझ

उसके दो बच्चे हैं। दोनों की स्कूल फीस और व अन्य तरह की फीस दे पाने में के शेखर राव सक्षम नहीं थे। इस कारण से वे पिछले कुछ माह से तनाव में चल रहे थे। ऐसे में आर्थिक तंगी उन्हें घेर रखा था। स्कूल फीस, टीवी का किस्ती चुकाना और घर का खर्च चलाना उनके लिए संभव नहीं था। ऐसे में उनके पास आत्महत्या करने के अलावा कोई चारा नहीं था।

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