70 से 80 रुपये प्रति किलो बिक रही लौकी

लोकआस्था का महापर्व नहाय-खाय के साथ सोमवार से शुरू हो रहा है। शहर में इसकी तैयारी शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Nov 2021 06:30 AM (IST) Updated:Mon, 08 Nov 2021 06:30 AM (IST)
70 से 80 रुपये प्रति किलो बिक रही लौकी
70 से 80 रुपये प्रति किलो बिक रही लौकी

संवाद सूत्र, जादूगोड़ा : लोकआस्था का महापर्व नहाय-खाय के साथ सोमवार से शुरू हो रहा है। शहर में इसकी तैयारी शुरू हो गई है। लेकिन अभी से ही पर्व पर मंहगाई की मार भी देखने को मिल रही है। नहाय-खाय के दिन इस बार लौकी की कीमत शतक का आंकड़ा छूने को तैयार है। दीपावली से पहले तक जो लौकी बाजार में 30 से 40 रुपए प्रतिकिलो तक बिक रही थी, उसकी कीमत रविवार को 70 से 80 रुपए प्रतिकिलो हो गई है। इस संबंध में दुकानदारों का कहना है कि नहाय-खाय तक यदि मंडी में लौकी अधिक मात्रा में नहीं पहुंचती है तो कीमत बढ़ कर 80 से 100 रुपए प्रतिकिलो हो जाएगी। सब्जी विक्रेता रमेश ने कहा कि इस बार अब तक लौकी की जितनी कीमत है उतनी कभी नहीं रहती थी। हर साल छठ आते ही लौकी की कीमत बढ़ती थी, लेकिन इस बार आसमान छूने को तैयार है। सब्जी विक्रेता प्रदीप ने कहा कि ये लौकी की कीमतें मंडी से नहीं बल्कि किसानों के खेत से ही बढ़ कर आ रही है। इस बार अधिक बारिश होने के कारण अधिकांश सब्जी की फसल खेतों में खराब हो चुकी है। इस कारण खेत से ही लौकी की पैदावार कम हो रही है। सजा छठ का बाजार, सूप, दउरा की बिक्री जोरों पर : कार्तिक शुक्ल की चतुर्थी से शुरू होने वाले इस व्रत की समाप्ति सप्तमी को उदीयमान सूर्य अ‌र्घ्य के साथ होगा। छठ महापर्व को लेकर श्रद्धालुओं ने तैयारियां शुरू कर दी है। रविवार को छठ व्रतियों ने मुसाबनी बाजार में छठ पर्व को लेकर सुप, दौउरा, डलिया एवं पूजन सामग्रियों की जमकर खरीदारी की। बाजार में भीड़ भाड़ रही। शाम तक छठ पूजा में लगने वाले सामग्रियों की खरीददारी में लोग जुटे रहे हैं। छठ को लेकर बाजार में सूप-डलिया की बिक्री में बढ़ोतरी देखी गयी। महिलाएं छठ को लेकर सुप डलिया की ़खरीददारी की। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सूप-डलिया की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। बाजार में सूप 100 से 150 रुपये व दौऊरा व डलिया 200 से 500 रुपये तक में बिक रहे हैं। बाजार में कई तरह के फल पर्व को लेकर दुकानों में सजी है। इस बार फल मंडी में कई वेराइटी के फल मिल रहे हैं। हालांकि इसकी कीमत आम दिनों की तुलना में अधिक है। केला, सेब, नारंगी, आंवला, सुथनी, शकरकंद, गन्ना आदि फलों के दुकान अभी से सज गया है। छठ त्योहार सूर्योपासना का पर्व है। सूर्य आराधना का यह पर्व सुबह सूर्य की पहली किरण और सायंकाल की अंतिम किरण को अ‌र्घ्य देकर किया जाता है। सूर्य षष्ठी होने के कारण इसे छठ कहा गया है। मंगलवार से मुसाबनी कंपनी तालाब छठ कमेटी द्वारा श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद के रूप में ठेकुआ बनाने का काम जोर-शोर से शुरू किया जाएगा। इस घाट की विशेषता है कि यहां छठ पूजा देखने आने वाले सभी श्रद्धालुओं को कमेटी द्वारा प्रसाद के रूप में ठेकुआ दिया जाता है। छठ घाट की साफ-सफाई के साथ साथ विद्युत सज्जा की भी बेहतरीन व्यवस्था कमेटी द्वारा इस बार की गई है। छठ व्रतीओं की सुविधा के लिए यहां दतमन, चाय आदि की भी व्यवस्था की गई है।

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