गैंग्स ऑफ जमशेदपुर : वर्चस्व की जंग में जेल में बिछी थी दो लाशें

गैंगस्टर परमजीत सिंह हत्याकांड में करीब दस साल बाद कोर्ट का फैसला आने से एकबारगी जमशेदपुर में गैंगवार का पुराना दौर याद हाे चला है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 04:07 PM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 04:07 PM (IST)
गैंग्स ऑफ जमशेदपुर : वर्चस्व की जंग में जेल में बिछी थी दो लाशें
गैंग्स ऑफ जमशेदपुर : वर्चस्व की जंग में जेल में बिछी थी दो लाशें

जमशेदपुर, जेएनएन। नौ साल नौ महीने के बाद परमजीत सिंह हत्याकांड में कोर्ट का फैसला आया तो एकबार फिर जमशेदपुर में गैंगवार का पुराना दौर याद हो चला। यह वह दौर था जब गैंगस्टर अखिलेश सिंह और परमजीत सिंह गिरोह के बीच वर्चस्व की जंग काफी तेज थी। एक के बाद एक हमले को झेलते हुए बच निकलने के बाद आखिरकार परमजीत को मात मिली और वह जेल की सलाखों के पीछे मारा गया। यह बात अलग है कि तब अखिलेश को भी अपने खास गुर्गे को गंवाना पड़ा था। जेल में ही प्रतिशोध की तात्कालिक कार्रवाई में अखिलेश के शागिर्द गौतम मारे गए थे।  

 गाजीपुर का रहने वाला था गौतम

जेल में मारा गया अखिलेश सिंह का शूटर गौतम उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का रहने वाला था। गौतम गाजीपुर जेल से फरार आरोपी था। उसके खिलाफ वहां तीन मामले दर्ज थे। हत्या के एक मामले में उसे सजा होनी तय थी इसके बाद ही वह भाग निकला था। अखिलेश सिंह गिरोह से वह जुड़ गया था।

कैदी वाहन में दागी गई थी गोली

परमजीत सिंह की जेल में हत्या से पहले कैदी वाहन में भी उसकी हत्या की कोशिश की गई थी। न्यायालय में पेशी के दौरान जाने पर कैदी वाहन में सीतारामडेरा थाना क्षेत्र के एमजीएम अस्पताल मोड़ के पास सितंबर 2008 में फायङ्क्षरग की गई थी। परमजीत सिंह बाल-बाल बच गया था।

जेल अधिकारी नपे थे

जेल में हुई गैंगवार की घटना के बाद घाघीडीह सेंट्रल जेल के तत्कालीन अधीक्षक समेत कई अधिकारियों पर विभागीय गाज गिरी थी। उस समय जेल आइजी सुनिल वर्णवाल थे और जमशेदपुर के एसएसपी नवीन कुमार सिंह थे। वर्तमान में नवीन सिंह आइजी है। वहीं जेल के कई बंदियों को प्रदेश के दूसरे जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।

जेल में भर गया था ईंट-पत्थर

जेल में गैंगवार के दौरान परिसर में ईंट-पत्थर, लाठी-डंडा भर गया था जिसे परसुडीह थाना की पुलिस ने जब्त किया था। गौतम के पास से दो पिस्तौल, चार कारतूस जब्त की गई थी। 

20 मार्च 2009 को जेल में हुआ था गैंगवार

परमजीत सिंह एवं अखिलेश सिंह गिरोह के बीच चल रहे गैंगवार में परमजीत सिंह की हत्या गोली मारकर दी गई थी। इस मामले में बर्मामाइंस इस्ट प्लांट बस्ती निवासी मनोज सिंह उर्फ भोला सिंह को दोषी पाते हुए उम्रकैद के साथ 25 हजार रुपया जुर्माना और जुर्माना अदा नहीं करने पर छह माह अतिरिक्त सजा सजा सुनाई गई है। मनोज उर्फ भोला सिंह दुमका जेल में बंद शहर के गैंगस्टर अखिलेश सिंह का मुख्य सहयोगी रहा है। 

लल्लू को हुई थी उम्रकैद

हत्या के मामले में इससे पहले एक आरोपित मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू को 2 फरवरी 2018 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी जबकि एक अन्य आरोपित गौतम सिंह को घटना के दिन ही हत्या के प्रतिशोध में परमजीत सिंह के सहयोगियों ने जेल में गोली मारकर और पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। हत्या में 14 लोगों की गवाही हुई।

अखिलेश सिंह भी है आरोपित

गैंगस्टर अखिलेश सिंह भी मामले में आरोपित है। घटना के समय वह फरारी में था। उसके खिलाफ इस मामले में अलग से न्यायालय में सुनवाई चल रही है। परमजीत सिंह की हत्या में हरपाल सिंह हीरे ने अखिलेश सिंह, गौतम, मनोज सिंह उर्फ भोला सिंह समेत अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा परसुडीह थाना में दर्ज कराया था।

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