फेसबुक पर अश्लील मैसेज से परेशान नाबालिग ने पुलिस से मदद नहीं मिलने पर कर ली खुदकशी
फेसबुक पर अश्लील मैसेज भेजे जाने से परेशान होकर सोमवार को खुदकशी का प्रयास करने वाली नाबालिग की मंगलवार को इलाज के क्रम में मौत हो गई।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : फेसबुक पर अश्लील मैसेज भेजे जाने से परेशान होकर सोमवार को खुदकशी का प्रयास करने वाली नाबालिग की मंगलवार को इलाज के क्रम में मौत हो गई। नाबालिग गम्हरिया थाना क्षेत्र की रहने वाली थी और सोमवार को एमजीएम अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। स्थिति गंभीर होने के बाद उसे मेडिका अस्पताल रेफर किया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। सोमवार को उसने चींटी मारने वाली दवा खाकर खुदकशी करने की कोशिश की थी, जिसके बाद उसे एमजीएम अस्पताल में दाखिल किया गया था।
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पिता ने कहा : पुलिस कार्रवाई करती तो मेरी बच्ची ऐसा नहीं करती
नाबालिक के पिता ने बताया कि फेसबुक पर मैसेज से परेशान होकर बेटी ने ऐसा कदम उठाया। अगर पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई की होती तो वह (नाबालिग) ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं होती। पिता ने बताया कि बेटी ने उन्हें जब यह जानकारी दी कि उसे फेसबुक पर कोई अश्लील मैसेज भेज कर परेशान कर रहा है तो उन्होंने गम्हरिया थाना में इसकी लिखित शिकायत की। शिकायत के बावजूद भी मैसेज आना बंद नहीं हुआ। कोई कार्रवाई न होता देख पीड़ित परिवार ने सरायकेला-खरसावां के पुलिस अधीक्षक से भी शिकायत की। कार्रवाई के बारे में पूछने पर गम्हरिया थाना की पुलिस ने कहा कि वे जांच कर रहे हैं। कुछ होगा तो बता देंगे। ऐसा कहकर थाने से उन्हें (नाबालिग व उनके पिता को) भगा दिया जाता था। नाबालिग के पिता ने कहा कि पुलिस ने अगर सही से अपना काम किया होता तो मेरी बेटी जिंदा होती।
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कौन भेजता था अश्लील मैसेज, अबतक नहीं खोज सकी पुलिस
पुलिस ने इस केस को काफी हल्के में लिया। यही कारण है कि 17 साल की उम्र में ही लड़की को अपनी जिंदगी खत्म करना पड़ा। जिंदा रहते उसने बताया था कि कोई अज्ञात व्यक्ति उसे बार-बार फेसबुक पर अश्लील मैसेज भेज रहा था। उसने अपने फेसबुक अकाउंट से उस फेक आइडी वाले व्यक्ति को ब्लॉक भी कर दिया था, लेकिन फिर कुछ ही दिन बाद दूसरे फेक आइडी से वह दोबारा मैसेज करने लगा। बार-बार अज्ञात द्वारा उसे फेक आइडी से अश्लील मैसेज किया जा रहा था। पुलिस ने ध्यान दिया होता तो एक ही दिन में आरोपित को जिस अकाउंट से फेसबुक पोस्ट किया जा रहा था, उसके आइपी एड्रेस से उसका पता लगा लिया जाता, लेकिन पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई।
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