SHAHARNAMA : मुफ्त में खैनी, चुनौटी, सिगरेट चाहिए तो आ जाइए...

आप जमशेदपुर के एक परिसर में शाम पांच बजे के बाद चले जाएं वहां आपको थोक भाव में खैनी की पुडिय़ा चुनौटी सिगरेट गुटखा गांजा आदि पड़े रहते हैं। पसंद की चीज उठाइए और चल दीजिए।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Mon, 01 Apr 2019 03:40 PM (IST) Updated:Mon, 01 Apr 2019 03:40 PM (IST)
SHAHARNAMA : मुफ्त में खैनी, चुनौटी, सिगरेट चाहिए तो आ जाइए...
SHAHARNAMA : मुफ्त में खैनी, चुनौटी, सिगरेट चाहिए तो आ जाइए...

जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। खैनी, बीड़ी, पान, सिगरेट, गुटखा, आदि नशे के ऐसे सामान हैं, जो किसी को मुफ्त में मिल जाए तो उसकी खुशी की सीमा नहीं रहती। कुछ लोग तो खरीदकर इनका सेवन नहीं करते, कसम खाए रहते हैं। इनकी निगाहें ऐसे लोगों को ढूंढती रहती है जो इन्हें ये चीजें मुफ्त में मुहैया करा दे। यदि आप भी उनमें से एक है तो इंतजार की घडिय़ां खत्म हुईं।

आप जमशेदपुर शहर के एक परिसर में शाम पांच बजे के बाद चले जाएं, वहां आपको थोक भाव में खैनी की पुडिय़ा, चुनौटी, सिगरेट, गुटखा, गांजा आदि पड़े रहते हैं। पसंद की चीज उठाइए और चल दीजिए। कोई टोकेगा नहीं, कोई रोकेगा नहीं। ये सामान सुरक्षाकर्मी गेट पर ही आगंतुकों से लेकर रख देते हैं। कुछ लोग यहां के नियमित ग्राहक बन गए हैं, आप भी बन जाएं। अब भी यहां लेने वालों की कमी है, जबकि माल ज्यादा।

सजा के डर से अस्पताल में भर्ती

अमूमन यह देखने-सुनने में आता है कि हाई प्रोफाइल लोग सजा के डर से अस्पताल में भर्ती हो जाते हैं। हालांकि अस्पताल भी एक तरह से जेल जैसा ही होता है, लेकिन यहां मिलने-जुलने वालों पर रोक नहीं होती। मनचाहा भोजन भी मिलता है, बस बाहर घूमने-फिरने को नहीं मिलता। ऐसा वाकया हम पिछले दिनों देख चुके हैं, जब शहर के एक नेताजी सजा के डर से करीब एक माह तक अस्पताल में भर्ती रहे थे। हाल के दिनों में आला लटकाकर अस्पताल में घूमने वाले कुछ उत्साही युवा अस्पताल में भर्ती हो गए। खैर बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी, उन्हें एक-एक करके कालकोठरी में वापस भेजा जा रहा है।

एक बच गए सलामत

पिछले दिनों एक डाक्टर साहब इस आशंका से अस्पताल में भर्ती हो गए कि उन्हें पुलिस गिरफ्तार कर सकती है। वह भी अपने घर से दूसरे छोर पर वाले अस्पताल में चले गए। तीन दिन रहे। जब वे आश्वस्त हो गए कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है तो अस्पताल से घर आ गए। शुक्र है, उन्हें अभी तक खाकी ने स्पर्श नहीं किया है। 

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