Indian Railways: नियम के विरूद्ध एक साथ गायब हुए लेखा विभाग के चार सेक्शन आफिसर, फंसे करोड़ों रूपये के विपत्र

Indian Railways रेल जोन में अब सभी विपत्रों के भुगतान की प्रक्रिया आनलाइन कर दी गइ है। लेकिन रेलवे ने इसके लिए अपने अधिकारियों और इम्पलाइज को प्रशिक्षित किया ही नहीं। नतीजन चार दिन का काम चालीस दिनों से अटका पड़ा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 01:03 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 01:03 PM (IST)
Indian Railways: नियम के विरूद्ध एक साथ गायब हुए लेखा विभाग के चार सेक्शन आफिसर, फंसे करोड़ों रूपये के विपत्र
चक्रधरपुर रेल मंडल के अधिकारियों की मनमानी की कहानी अक्सर सामने आती रही है।

जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर। चक्रधरपुर रेल मंडल के अधिकारियों की मनमानी की कहानी अक्सर सामने आती रही है। ताजा उदाहरण भी कुछ ऐसा ही है। पूजा की छुट्टियां रेल मंडल में वृहस्पतिवार और शुक्रवार को है। लेकिन कुछ अधिकारी और कर्मी सामवार और मंगलवार से ही गायब हो गए। महत्वपूण विभागों में भी कुछ ऐसा ही आलम देखने को मिला। रेल मंडल काया्रलय के प्रथम तल स्थित लेखा विभाग में सेक्शन आफिसर चार नियुक्त हैं।

नियमानुसार सभी चार अधिकारी एक साथ कभी अवकाश नहीं ले सकते, जबकि आफिस खुला हो। लेकिन न केवल बुधवार बल्कि मंगलवार को भी सभी चारों अधिकारी एक साथ अवकाश पर थे। यह देखना सीनियर डीएफएम की जिम्मेदारी है कि ऐसा न हो। लेकिन सीनियर डीएफएम के चैम्बर के ठीक सामने स्थित एक चैम्बर में जहां ये चारों अधिकारी बैठते हैं, पूरा चैम्बर मंगलवार और बुधवार को खाली पड़ा रहा। नतीजन सेक्शन आफिसर के न होने के कारण तमाम महत्वपूण काम लेखा विभाग के ठप हो गए। इधर आफलाइन आनलाइन के चक्कर में परेशान हाल ठेकेदार लेखा विभाग के चक्कर काटते दिखे। एक ठेकेदार ने बताया कि लेखा विभाग के घोर गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण ठेकेदारों और सप्लाइ वेंडरों के कराड़ों रूपये के विपत्र अटके हुए हैं।

आनलाइन कर दी गयी भुगतान प्रक्रिया

जानकारी के अनुसार पूरे रेल जोन में अब सभी विपत्रों के भुगतान की प्रक्रिया आनलाइन कर दी गइ है। लेकिन रेलवे ने इसके लिए अपने अधिकारियों और इम्पलाइज को प्रशिक्षित किया ही नहीं। नतीजन चार दिन का काम चालीस दिनों से अटका पड़ा है। कुछ मामलों में अधिकारियों ने जोनल स्तर पर विपत्र भुगतान की प्रक्रिया आफलाइन करवा ली है। जो यह दिखाता है कि आनलाइन काम में सब कुछ सामान्य नहीं है। ये सब गड़बड़ी मंडल रेल प्रबंधक की नाम के नीचे चल रही है, जो कि बेहद हैरान करने वाली बात है। क्याेंकि डीआरएम अपनी तेज तरा्रर शैली के लिए जाने जाते हैं।

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