पटमदा-बोड़ाम की महिला किसानों के लिए बनाया जा रहा पोषण बगीचा
चार से पांच तरह के फल व 10-12 प्रकार के सब्जी की उपज हो सकेगी।
मनोज सिंह, जमशेदपुर : टाटा स्टील रूरल डेवलपमेंट सोसायटी व नाबार्ड के सहयोग से बनाए जाएंगे 175 पोषण बगीचा। पोषण बगीचा में सालों भर मौसमी फल व सब्जियां उगायी जा सकती है। जिसमें चार से पांच तरह के फल व 10-12 प्रकार के सब्जी की उपज हो सकेगी। 20 फीट लंबा और 20 फीट चौड़ा जगह पर तीन मौसम में दर्जन प्रकार का फल सब्जी उगा सकते हैं। पूर्वी सिंहभूम जिले में पटमदा व बोड़ाम में इस तरह का पहला कार्यक्रम व योजना है। इस योजना का मकसद है ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं व बच्चों में कुपोषण की समस्या को दूर करना। इसके कई फायदे होंगे। एक तो ताजी फल व सब्जी हर समय मिलता रहेगा। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। सब्जी व फल खरीदने में होने वाले खर्च से मुक्ति मिल जाएगी।
इस योजना के तहत किसान का अपना जमीन होना चाहिए बाकि बीज, मजदूरी, प्रशिक्षण का प्रबंधन नाबार्ड व टीएसआरडीएस मिलकर कर रही है।
----
पोषण बगीचे से फायदे ही फायदे
पोषण बगीचे से फायदे ही फायदे होंगे। इसमें खासकर ग्रामीण महिलाएं एवं बच्चों जो गर्भवती हैं, कुपोषण या हिमोग्लोबिन की कमी के शिकार होते हैं, ऐसे लोगों को हमेशा ताजी सब्जी व फल मिलेंगे। पौष्टिक आहार मिलने से बीमारी से दूर रहेंगे। इस संबंध में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक सिद्धार्थ शंकर कहते हैं कि पोषण बगीचे में खर्च कम और अनगिनत फायदे होंगे। पोषण बगीचे चूंकि घर के नजदीक रहेंगे सो बेकार बहने वाले पानी का उपयोग, घर में मवेशियों के गोबर, पेड़ पौधों का कचरा आदि का उपयोग जैविक खाद के रुप में किया जा सकता है। सिद्धार्थ शंकर कहते हैं कि पोषण बगीचे से एक नहीं अनेक फायदे हैं। घर के आसपास का कचरा साफ रहेगा, पानी बर्बाद नहीं होगा, सफाई रहेगा तो मच्छर जनित बीमारियां नहीं होंगी। इसके साथ ही पौष्टिक आहार मिलने से शरीर स्वस्थ्य रहेगा। उन्होंने बताया कि देखा जाता है कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं, बच्चों फल नहीं खा पाते, ऐसी स्थिति में उन्हें ताजी फल-सब्जी तो मिलेगी ही साथ में आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
-------------
पोषण बगीचे में लगाए जाने वाले फल व सब्जी
पोषण बगीचे में गर्मी के दिनों में लगाए जाने वाले फल व सब्जियों में तरबूज, केला, अंगूर, भिडी, पटल, करेला, पालक व लौकी, बरसात के मौसम में टमाटर, बैगन, शिमला मिर्च, आम, लिची के अलावा सर्दी के मौसम में फूल गोभी, बंधा गोभी, अनार, गाजर, हरे साग की फसल लगा सकते हैं। इससे सालों भर फल व सब्जी मिल सकेगा। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक सिद्धार्थ शंकर ने बताया कि महिला किसान को बीज, मजदूरी व प्रशिक्षण निश्शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे।