जमशेदपुर में जल संरक्षण के लिए वन विभाग बनाएगा पांच चेकडैम Jamshedpur News

जल संरक्षण की दिशा में जमशेदपुर वन प्रमंडल बेहतर कदम उठाने जा रही है। बारिश के पानी को बर्बाद होने व बेकार नाले में बह जाने से बचाने के लिए संरक्षित व उपयोगी बनाने के लिए प्लान बना रही है। इस संबंध में डीएफओ ममता प्रियदर्शी एसीएफ अशोक कुमार...

By Vikram GiriEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 11:13 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 12:51 PM (IST)
जमशेदपुर में जल संरक्षण के लिए वन विभाग बनाएगा पांच चेकडैम Jamshedpur News
जमशेदपुर में जल संरक्षण के लिए वन विभाग बनाएग पांच चेकडैम। प्रतीकात्मक तस्वीर। जागरण

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) । जल संरक्षण की दिशा में जमशेदपुर वन प्रमंडल बेहतर कदम उठाने जा रही है। बारिश के पानी को बर्बाद होने व बेकार नाले में बह जाने से बचाने के लिए संरक्षित व उपयोगी बनाने के लिए प्लान बना रही है। इस संबंध में डीएफओ ममता प्रियदर्शी, एसीएफ अशोक कुमार, रेंजर रामबाबू कुमार व अन्य के साथ गहन विचार विमर्श करने के बाद निर्णय लिया कि जिले में पांच चेकडैम का निर्माण कराया जाएगा।

इसमें मानगो वन क्षेत्र के अंतर्गत दो स्थानों पर चेकडैम बनाए जाएंगे, इसके अलावा चाकुलिया वन क्षेत्र के अंतर्गत दो चेकडैम तथा मुसाबनी वनक्षेत्र में एक बनाए जाएंगे। डीएफओ ममता प्रियदर्शी ने बताया कि तीनों रेंज के रेंजर से रिपोर्ट मांगी गयी है कि कहां चेकडैम बनाया जाए। स्थल के नाम के साथ रिपोर्ट मांगा गया है।

चेकडैम से अनेक फायदे

जमशेदपुर वन प्रमंडल की डीएफओ ममता प्रियदर्शी ने बताया कि चेकडैम बनाने से एक नहीं बल्कि अनेक फायदे हैं। चेकडैम वैसे स्थानों पर बनाए जाएंगे जहां जल व भूसंरक्षण के साथ ही मानव व पशु-पक्षियों को भी पीने का पानी मिल सके। डीएफओ ने बताया कि चेकडैम के निर्माण से जल संरक्षण में काफी मदद मिलता है। सबसे अधिक तो इससे वाटर रिचार्ज होता है। चेकडैम बन जाने से बारिश में बह जाने वाले पानी को रोका जा सकेगा।

मिट्टी का कटाव नहीं होगा। डीएफओ कहती हैं कि चेकडैम का अध्ययन करने पर पाया गया है कि जहां-जहां चेकडैम बनाए गए हैं, उस इलाके के लोगों का जीवन स्तर में सुधार देखा गया है। ग्रामीण इलाकों के कुंओं का रिचार्ज होता है, लोग सब्जी की फसल में सिंचाई के लिए उपयोग करते हैं, जिससे उनकी इनकम बढ़ता है। इस तरह चेकडैम में पानी रहने से पशु-पक्षियों को भी गर्मी के दिनों में पानी के लिए नहीं भटकना पड़ता।

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