आजादी के बाद पहली बार घर-घर में जलेंगे बल्ब

मुसाबनी प्रखंड के पहाड़ी पर बसा गांव सूर्याबेड़ा में आजादी के बाद पहली बार बिजली पहुंची। बुधवार को मौसम खराब होने के कारण बल्ब तो नहीं जले ट्रांसफार्मर देख ग्रामीणों का सपना पूरा हो गया..

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 08:00 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 08:00 AM (IST)
आजादी के बाद पहली बार घर-घर में जलेंगे बल्ब
आजादी के बाद पहली बार घर-घर में जलेंगे बल्ब

मुरारी प्रसाद सिंह, मुसाबनी : मुसाबनी प्रखंड के पहाड़ी पर बसा गांव सूर्याबेड़ा में आजादी के बाद पहली बार बिजली पहुंची। बुधवार को मौसम खराब होने के कारण बल्ब तो नहीं जले, ट्रांसफार्मर देख ग्रामीणों का सपना पूरा हो गया। ग्रामीणों को भरोसा है कि अब उनके घर में बल्ब जरूर जलेगी। 16 दिसंबर 2020 को सूर्याबेड़ा में प्रशासन आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में विधायक रामदास सोरेन के साथ 18 किमी. दुर्गम पहाड़ी रास्ते का सफर कर उपायुक्त सूरज कुमार समेत जिला प्रशासन की टीम पहुंची थी। जनता दरबार में ग्रामीणों की समस्या सुनने के बाद डीसी सूरज कुमार ने सूर्याबेड़ा गांव के विकास के लिए योजनाओं की झड़ी लगा दी थी। गांव में सड़क, बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव था। जनता दरबार में मुसाबनी बीडीओ सीमा कुमारी ने सूर्याबेड़ा गांव को गोद लेने की घोषणा की थी। इसके बाद सूर्याबेड़ा गांव में विकास कार्य शुरू हुआ। जनता दरबार के 15 दिनों के अंदर डीसी ने गांव में डीप बोरिग कराकर पेयजल की समस्या का समाधान करा दिया। विधायक निधि, जिला पार्षद निधि व मुखिया फंड से सड़क का निर्माण कराया गया। स्थानीय प्रशासन के सहयोग से पहली बार गांव में बिजली का खंभा लगाकर तार खींचा गया। गांव में ट्रांसफार्मर लगाया गया। अब इस गांव के हर घर में बल्ब जलेंगे। इसे लेकर ग्रामीणों में गजब का उत्साह है। ग्रामीणों ने बीडीओ का किया स्वागत : मुसाबनी प्रखंड विकास पदाधिकारी सीमा कुमारी बुधवार को सूर्याबेड़ा गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने उनका स्वागत किया। ग्रामीणो के साथ बीडीओ ने बैठक की और गांव की समस्याओं से रूबरू हुईं। ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव की मूलभूत समस्याएं दूर हो गई हैं। गांव के सभी लोगों को राशन मिल रहा है। 45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी 19 लोगों ने कोरोना का पहला डोज भी ले लिया है। बीडीओ ने ग्रामीणों को बताया कि अब उनके घरों में बल्ब जलेगी तो ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे। ग्रामीणों ने कहा कि बिजली की सुविधा नहीं होने ऐसा महसूस हो रहा था कि वे किसी अलग दुनिया में रहते हैं। बीडीओ ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि सभी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर होगा। इस गांव को उन्होंने गोद लिया है। इसलिए गांव के विकास की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है।

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