इन बेटियों के क्या कहनेः झारखंड के पोटका की 40 बालिकाएं देश का नाम रोशन करने के लिए तैयार

Jharkhand Sports. ये बेटियां फुटबाॅलर बनकर देश में नाम करेंगी। ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं में फुटबाल को बढ़ावा देने के मकसद से सामाजिक संस्था यूथ यूनिटी फॉर वोलंटरी एक्शन (युवा) की ओर से पोटका के तेतला में तीन दिवसीय फुटबाल शिविर का आयोजन किया गया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 11 Mar 2021 10:52 AM (IST) Updated:Thu, 11 Mar 2021 01:20 PM (IST)
इन बेटियों के क्या कहनेः झारखंड के पोटका की 40 बालिकाएं देश का नाम रोशन करने के लिए तैयार
शिविर में फुटबाॅल का प्रशिक्षण लेतीं बालिकाएं। जागरण

जमशेदपुर, जासं। ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं में फुटबाल को बढ़ावा देने के मकसद से सामाजिक संस्था यूथ यूनिटी फॉर वोलंटरी एक्शन (युवा) की ओर से पोटका के तेतला में तीन दिवसीय फुटबाल शिविर का आयोजन किया गया है। इसमें पोटका के चाकडी, धीरोल, मानपुर , जमशेदपुर के तुपुडांग, जसकनडीह, हितकु, केडो करनडीह की 40 बालिकाएं भाग ले रही हैं। यह फुटबाल प्रशिक्षण सॉकर फाउंडेशन से आए प्रशिक्षक निखिल व अंजनी दे रहे हैं।

मालूम हो कि युवा एवं क्रिया की ओर से चलाए जा रहे इटस माइ बॉडी कार्यक्रम में लैंगिक समानता, अपने शरीर पर अपना अधिकार, पसंद का अधिकार आदि विभिन्न विषयों पर नियमित सत्र के जरिए प्रशिक्षण दिया जाता है। इसी कार्यक्रम के अंतर्गत यह प्रशिक्षण शिविर है। शिविर के माध्यम से बालिकाएं फुटबाल का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। इसके बाद इसी में से एक टीम बनाई जाएगी जो विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेंगी। बालिकाओं में फुटबाल के प्रति दिलचस्पी पैदा करने के लिए इस शिविर का आयोजन किया गया है। ग्रामीण महिलाओं में दमखम को देखते हुए यह शिविर बालिकाओं के लिए लाभकारी साबित हो रहा है। शिविर को सफल बनाने में युवा की सचिव वर्णाली चक्रवर्ती, अंजना देवगम ,ज्योति हेम्ब्रम, रितिका कुमारी,चन्द्रकला मुंडा,रीला सरदार,मायनो मुर्मू, अवंती सरदार, अनिल बोदरा, राजेश नायक, काजल नायक तेतला पंचायत की मुखिया दीपांतरी सरदार, गुरुचरण सरदार, सूरज गोप आदि अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

शरीर की आजादी का सशक्त माध्यम है फुटबॉल : वर्णाली

युवा की सचिव वर्णाली चक्रवर्ती ने कहा कि लडकियों के शरीर को लक्ष्य कर गुलाम करने की साजिश सदियों से हो रही है। बंदिशें लगाई जा रही हैं। समाज अब इसके ख्लिाफ खडा हो रहा है। इन सबके खिलाफ फुटबॉल लडकियों के शरीर की आजादी का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद ग्रामीण बालिकाओं की प्रतिभा को उभारकर उन्हें एक मंच प्रदान करना है।

chat bot
आपका साथी