Amazing Facts : प्लेन में पायलट सो क्यों जाते हैं, यात्रियों को कैसे मिलती है ऑक्सीजन, जानते हैं कि नहीं आप

Flight Secrets अगली बार आप जब हवाई जहाज में चढ़े तो तनिक भी मत घबराइएगा। क्या आपको पता है कि लंबी दूरी की फ्लाइट में पायलट अपने केबिन में सो जाते हैं। क्या आपने सोचा है कि आप जो ऑक्सीजन लेते हैं वह कहां से आती है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 06:00 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 06:00 AM (IST)
Amazing Facts : प्लेन में पायलट सो क्यों जाते हैं, यात्रियों को कैसे मिलती है ऑक्सीजन, जानते हैं कि नहीं आप
प्लेन में पायलट सो क्यों जाते हैं, यात्रियों को कैसे मिलती है ऑक्सीजन, जानते हैं कि नहीं आप

जमशेदपुर, जासं। हवाई जहाज की यात्रा अब सामान्य बात हो गई है। हो सकता है कि आपने भी इसमें सफर किया होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अधिक ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, तो उसमें बैठे यात्रियों को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन कैसे मिलती रहती है। हवाई जहाज से जुड़ी और भी रोचक बातें हम बताने जा रहे हैं, जिसे आप शायद नहीं जानते होंगे।

दरअसल, 35000 फुट की ऊंचाई के बाद लंबी दूरी की हवाई जहाज को हवा तो भरपूर मिलती है, लेकिन यदि वह हवा सीधे जहाज में प्रवेश कर जाए तो प्लेन क्रैश हो सकता है। इसके लिए हवाई जहाज में लगे टरबाइन इंजन से हवा प्रवेश करती है। चूंकि यह हवा गर्म हो जाती है, इसलिए इसे टरबाइन के अंदर लगे फैन ब्लेड से गुजरती हवा को कंप्रेस करके पहले इसे इस तरह से प्लेन के अंदर फैलाया जाता है कि वह सामान्य तापमान के साथ अंदर जा सके। इसके बाद यात्री सामान्य तरीके से सांस लेते रहते हैं। वैसे प्लेन में छोटे-छोटे ऑक्सीजन मास्क भी दिए जाते हैं, लेकिन यह ज्यादा देर तक काम नहीं करता। यात्री प्लेन के अंदर बाहर से लाई गई कंप्रेस्ड एयर से ही सांस लेते हैं।

प्लेन में दिया जाता लाइट फूड

आमतौर पर हवाई जहाज में यात्रियों को खाने के लिए टोस्ट-बटर या ज्यादतर सूखी चीजें दी जाती हैं, क्योंकि प्लेन में तरल खाद्य पदार्थ के जल्दी पिघलने या फैलने का खतरा रहता है। ऐसे में यात्रियों को लाइट फूड या हल्के भोजन ही दिए जाते हैं, ताकि उनका पेट खराब ना हो। पायलट को भी भोजन देते समय इन बातों की सावधानी रखी जाती है, ताकि उनकी तबीयत खराब ना हो जाए।

ट्रेन की तरह हवाई जहाज के पायलट भी लेते नींद

लंबी दूरी की ट्रेन में जिस तरह पायलट को सोने का अवसर होता है, उसी तरह हवाई जहाज के पायलट को भी सोने की छूट मिलती है। जी हां, आजकल ट्रेन ड्राइवर को भी पायलट ही कहा जाता है, इसलिए चौंकिए मत। लंबी दूरी की उड़ान में दो या तीन पायलट चलते हैं, जिसमें एक जब सोता है, तो असिस्टेंट पायलट विमान को उड़ाता रहता है। हालांकि लंबी दूरी की उड़ान में ही पायलट सोते हैं, इस बात का ख्याल रखें।

 

म्यूजिक सुनने के लिए मिलते उपयोग किए हेडफोन

लंबी दूरी की उड़ान में यात्रियों को म्यूजिक सुनने के लिए हेडफोन दिया जाता है, जो ज्यादातर उपयोग किए हुए होते हैं। हालांकि आपको इस तरह से प्लास्टिक में पैक करके वह हेडफोन िदिया जाता है, जिससे आपको इस बात का भ्रम हो सकता है कि ये नए हैं।

वास्तव में ऐसा कम ही होता है। ज्यादातर यात्री इंफेक्शन होने के डर से इसका उपयोग नहीं करते हैं। कुछ यात्री अनजाने में इसका इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ मजबूरी में। जो नियमित यात्रा करते हैं और संगीत के शौकीन हैं, वे अपना हेडफोन लेकर यात्रा करते हैं।

किसी का निधन हो गया तो...

कल्पना कीजिए कि यात्रा के दौरान किसी की मौत हो गई तो क्या होता होगा। अमूमन ऐसा बहुत कम होता है, लेकिन हो भी गया तो मृत यात्री को उसी की सीट पर कंबल से लपेट कर रख दिया जाता है। जब हवाई जहाज की कहीं लैंडिंग होती है, तो उसे उतारा जाता है। यदि अलग से कोई सीट खाली पड़ी हो, तो मृत यात्री को उस सीट पर रखा जाता है। यह मत सोचिए कि मृत व्यक्ति के लिए विमान में कोई केबिन रहता है। चूंकि ऐसी घटना कभी-कभार ही होती है, इसलिए अमूमन हवाई जहाज में ऐसी व्यवस्था नहीं होती कि उसे बिल्कुल आइसोलेट रखा जा सके।

 

भूलकर भी ना करें गलत हरकत

हवाई जहाज में सफर करते समय भूलकर भी कोई हरकत ना करें, वरना आपके ऊपर कार्रवाई हो सकती है। यदि आप सोच रहे हैं कि सारे यात्री सो गए हैं। एयर होस्टेस या क्रू आपके आसपास नजर नहीं आ रहा है, तो भी गलत काम ना करें। किसी दूसरी सीट पर भी बैठने की कोशिश ना करें, क्योंकि प्लेन में हिडेन कैमरा लगा रहता है, जो हर यात्री की हरकत को कैमरे में कैद करता रहता है। एयर होस्टेस कंट्रोल टीवी से उस पर नजर बनाए रखती हैं।

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