दान के खिलौनों से खिलते बच्चों के चेहरे, हमें मिलती खुशी

आर्थिक असमानता के कारण गरीब परिवार के बच्चों को अभाव में जीना पड़ता है। रोजाना मजदूरी करके कमाने-खाने वालों के बच्चों के पास खिलौना तक नहीं होता है। ऐसे बच्चों के चेहरे पर हंसी-खुशी लाने का बीड़ा उठाया है जमशेदपुर का टॉय बैंक। इसकी संचालिका जुगसलाई की कुसुम अग्रवाल हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Jan 2020 01:53 AM (IST) Updated:Wed, 29 Jan 2020 01:53 AM (IST)
दान के खिलौनों से खिलते बच्चों के चेहरे, हमें मिलती खुशी
दान के खिलौनों से खिलते बच्चों के चेहरे, हमें मिलती खुशी

निर्मल प्रसाद, जमशेदपुर : आर्थिक असमानता के कारण गरीब परिवार के बच्चों को अभाव में जीना पड़ता है। रोजाना मजदूरी करके कमाने-खाने वालों के बच्चों के पास खिलौना तक नहीं होता है। ऐसे बच्चों के चेहरे पर हंसी-खुशी लाने का बीड़ा उठाया है जमशेदपुर का टॉय बैंक। इसकी संचालिका जुगसलाई की कुसुम अग्रवाल हैं।

टॉय बैंक की संस्थापक कुसुम अग्रवाल बताती हैं कि बैंक ऐसे इलाकों में कैंप लगाता है, जहां रहने वाले बच्चों के पास खिलौना नहीं होता है। कैंप सरकारी स्कूलों में भी लगाए जाते हैं। जब टॉय बैंक बच्चों को खिलौने देता है तो उनके चेहरे खिल उठते हैं। कुसुम कहती हैं कि इससे हमें खुशी मिलती है।

कुसुम ने तीन वर्ष पहले अपने दोस्तों के साथ टॉय बैंक की स्थापना की। बैंक शहरवासियों से दान में खिलौने लेता हैं और इसे गरीब परिवार के बच्चों के वितरित कर देता हैं। बैंक अब तक 100 से ज्यादा कैंप आयोजित कर चुका है। 5000 से ज्यादा बच्चों को खिलौने बांट चुका है। इस टॉय बैंक से आशा अग्रवाल, प्रेमा अग्रवाल, शालिनी गुप्ता, सरस्वती, संतोष गर्ग बतौर सदस्य निश्शुल्क सेवा दे रहे हैं।

फेसबुक और वाट्सएप पर भी सहयोग की अपील

जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तो उनका खिलौना घर में बेकार पड़ा रहता है। ऐसे खिलौने दान में लेने के लिए टॉय बैंक अपना फेसबुक पेज व वाट्सएप ग्रुप बनाया है। बैंक के सदस्य शहर के लोगों से संपर्क करते हैं और घर-घर जाकर पुराने खिलौनों को दान में लेते हैं। फिर बैंक ऐसे खिलौनों को सफाई कर, उसकी अच्छे से पैकेजिंग कर देता है। इससे खिलौने नए जैसे दिखते हैं।

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