CM से मिले बच्चों के पिता, मांगी मेडिकल सीट की फीस में सब्सिडी Jamshedpur News
नेशनल एलीजिबिलिटी कम इंटरेस्ट टेस्ट (नीट) में बेहतर अंक पाने वाले बच्चों को प्राइवेट कॉलेज की फीस में रियायत मिले। इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रांची जाकर मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक ज्ञापन सौंपा।
जमशेदपुर (जासं) । नेशनल एलीजिबिलिटी कम इंटरेस्ट टेस्ट (नीट) में बेहतर अंक पाने वाले बच्चों को प्राइवेट कॉलेज की फीस में रियायत मिले। इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रांची जाकर मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें मांग की गई है कि झारखंड के पहले प्राइवेट मेडिकल कॉलेज, मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज में झारखंड के बच्चों को फीस में रियायत दी जाए। प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि राज्य के बच्चों के लिए कॉलेज की 150 में से 25 सीट आरक्षित है।
जिसमें नामांकन झारखंड काउंसलर के माध्यम से होगा। लेकिन प्रतिवर्ष का शुल्क आम जनता की पहुंच से काफी ज्यादा है। झारखंड राज्य के अधिकतर आबादी निम्न मध्यम वर्ग की है. प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एक वर्ष की जो फीस रखी गई है उसे देखकर लगता है कि डाक्टर की पढ़ाई सिर्फ और सिर्फ अमीर लोगों के लिए ही आरक्षित है।। झारखंड में मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज के एक वर्ष का फीस 14.40 लाख रुपये है। जबकि कर्नाटक में संचालित कस्तूरबा मणिपाल मंगलूर में सरकारी कोटा से नामांकन पाने वाले छात्रों के लिए इस वर्ष फीस एक लाख 44 हजार 246 रुपए निर्धारित किया गया है।
एक ही संस्थान का वार्षिक फीस दो अलग-अलग राज्य में इतना ज्यादा अंतर कैसे हो सकता है। इसलिए प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि दूसरे राज्यों के तर्ज पर झारखंड के युवाओं के लिए सब्सिडी दर पर फीस दर तय किया जाए ताकि मध्यम वर्ग परिवार के बच्चे भी डाक्टर बनने का सपना पूरा कर सके। नहीं तो नीट में 600 अंक लाने के बावजूद झारखंड के बच्चे सड़कों पर दर-दर भटकने को मजबूर हो जाएंगे। हालांकि मुख्यमंत्री ने पूरे मामले को समझने के बाद विभागीय सचिव से पूरे मामले में विचार करने का आश्वासन दिया है. प्रतिनिधिमंडल में दीपक रंजीत, मदन सोरेन, अशोक कुमार गुप्ता, शशि कुमार शर्मा सहित अन्य शामिल थे।