आंध्र प्रदेश के जनक अमरजीवी पोट्टी श्रीरामुलू का मना 69वां शहीद दिवस
जमशेदपुर में पिछले ग्यारह दशकों से भी अधिक समय से रह रहे तेलगु भाषी आंध्र प्रदेश के जनक अमरजीवी पोट्टी श्रीरामुलू का 69वां शहीद दिवस कई स्थानों पर आयोजित किया गया। सभी स्थानों पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। जमशेदपुर में पिछले ग्यारह दशकों से भी अधिक समय से रह रहे तेलगु भाषी आंध्र प्रदेश के जनक अमरजीवी पोट्टी श्रीरामुलू का 69वां शहीद दिवस कई स्थानों पर आयोजित किया गया। सभी स्थानों पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। साकची स्थित बिष्टुपुर राम मंदिर के पूर्व कोषाध्यक्ष श्रीनिवास के आवास पर भी श्रद्धांजलि सभा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें तेलुगु समाज के कई संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। महिलाओं ने भी इसमें भाग लिया। बिष्टुपुर राम मंदिर की वर्तमान कमेटी ने भी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। इस अवसर पर पोट्टी श्रीरामुलू द्वारा किए गए कार्यो को याद किया गया तथा कहा गया कि उन्होंने तेलुगु भाषियों का सम्मान विभिन्न राज्यों में बढ़ाने का कार्य किया है। उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया नहीं जा सकता। एडीएल सोसाइटी तथा आंध्र एसोसएिशन कदमा में भी इसी तरह का कार्यक्रम आयोजित किया गया। गौरतलब है भाषा के आधार पर मद्रास प्रेसीडेंसी से विभाजित कर आंध्र प्रदेश की गठन मांग उठाई। इस मांग के समर्थन में 19 अक्टूबर 1952 को पोट्टी श्रीरामलु ने आमरण अनशन प्रारंभ किया। आमरण अनशन करते हुए 15 दिसंबर को वे शहीद हो गए। आखिरकार पहली अक्तूबर 1953 में भाषा के आधार पर करनूल राजधानी के साथ आंध्र राष्ट का उदय हुआ। बाद में राज्यों के पुनर्गठन के अधीन कुछ तेलगु भाषा क्षेत्रों को जोड कर आंध्र प्रदेश का उदय पहली नवंबर 1956 को हुआ। इसका राजधानी हैदराबाद को बनाया गया। फिर दो जून 2014 को आंध्र प्रदेश का विभाजन आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के राज्य के रूप में हुआ।