गरमा धान पर भी किसानों को मिले न्यूनतम समर्थन मूल्य : डा. गोस्वामी

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेशानंद गोस्वामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से गरमा धान भी क्रय करे। उन्होंने कहा कि पूर्वी सिंहभूम समेत राज्य के कई जिलों में बड़े पैमाने पर गरमा धान के फसल उपजाए जाते हैं..

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 09:10 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 09:10 AM (IST)
गरमा धान पर भी किसानों को मिले न्यूनतम समर्थन मूल्य : डा. गोस्वामी
गरमा धान पर भी किसानों को मिले न्यूनतम समर्थन मूल्य : डा. गोस्वामी

संसू, बहरागोड़ा : भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेशानंद गोस्वामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से गरमा धान भी क्रय करे। उन्होंने कहा कि पूर्वी सिंहभूम समेत राज्य के कई जिलों में बड़े पैमाने पर गरमा धान के फसल उपजाए जाते हैं। देश के विभिन्न राज्यों की सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गरमा धान क्रय करती है, परंतु झारखंड में किसानों को यह सुविधा प्राप्त नहीं है। बहरागोड़ा प्रखंड के डुमुरिया गांव में किसानों के साथ बैठक करने के बाद डा. दिनेशानंद गोस्वामी ने ये बातें कही। इस दौरान डा. गोस्वामी ने अपने खेतों में उपजाए गए गरमा धान के फसल को भी देखा।

उन्होंने कहा कि बीज, खाद व कीटनाशक दवाओं की कीमत बढ़ने के कारण कृषि लागत दर काफी बढ़ गई है। यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार किसानों से धान क्रय नहीं करेगी तो किसानों को काफी कम कीमत पर गरमा धान बेचने के लिए विवश होना पड़ेगा ।

डा. गोस्वामी ने कहा कि राज्य की हेमंत सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील नहीं है। सरकार की घोषणा के बावजूद अब तक किसानों का ॠण माफ नहीं हुआ। बिजली विभाग भी किसानों के प्रति असंवेदनशील रवैया अपनायी हुई है।

ग्रामीणों ने श्रमदान से बना डाली छोलागोड़ा से लेंजोबेड़ा तक सड़क : सड़क किसी भी गांव के लिए लाइफ लाइन से कम नहीं है। जिन गांव में बीमार लोगों को कंधे पर उठाकर मुख्य मार्ग तक लाना पड़े तो वहां पर इसका महत्व और भी ज्यादा हो जाता है। ऐसे में ग्रामीणों द्वारा सड़क को चलने लायक एवं सुगम बनाना किसी फौलादी हौसले से कम नहीं है।

मुसाबनी प्रखंड के पारुलिया पंचायत के सुदूरवर्ती गांव लेंजोबेड़ा के ग्रामीणों ने अपने बुलंद हौसले के बदौलत सड़क पर उखड़ कर जानलेवा बने पत्थरों को हटाकर सड़क को चलने लायक एवं सुगम बनाया। वर्षों पहले लेंजोबेड़ा तक कालीकरण सड़क का निर्माण किया गया था। कालीकरण उखड़ने से सड़क निर्माण में प्रयुक्त बड़े बड़े पत्थर निकल जाने से गांव के स्कूली बच्चों के साथ-साथ आम लोगों को साइकिल, बाइक से बाजार आने जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता था। ग्रामीणों ने बैठक कर छोलागोड़ा से लेकर लेंजोबेड़ा तक सड़क से नुकीले पत्थर को श्रमदान से हटाने का निर्णय लिया। ग्रामीण शुक्रवार से हीं इस कार्य को करने में जुट गए। शनिवार को मुसाबनी के जिला पार्षद बुद्धेश्वर मुर्मू ने भी ग्रामीणों के साथ सड़क को सुगम बनाने में अपने टीम के साथ पसीना बहाया। इस श्रमदान में मुख्य रूप से फागू सोरेन, दीपक सिंह, सलखान मुर्मू, शंकर हेंब्रम, वर्षा मार्डी, कुना मार्डी, बालिया मार्डी, दसमत मार्डी, सिगराई मार्डी, जसाकन मार्डी, भोजाय सोरेन आदि शामिल थे।

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