मल्टीपल इंट्री व मल्टी एग्जिट है नई शिक्षा नीति : डा. प्रसाद

जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज की ओर से ऑनलाइन आयोजित फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का उद्घाटन कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गंगाधर पंडा ने किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 08:55 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 08:55 PM (IST)
मल्टीपल इंट्री व मल्टी एग्जिट है नई शिक्षा नीति : डा. प्रसाद
मल्टीपल इंट्री व मल्टी एग्जिट है नई शिक्षा नीति : डा. प्रसाद

जासं, जमशेदपुर : जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज की ओर से ऑनलाइन आयोजित फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का उद्घाटन कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गंगाधर पंडा ने किया। इस दौरान कुलपति ने नई शिक्षा नीति 2020 के बारे में विस्तार से बताया।

कहा कि यह आज के जमाने की शिक्षा नीति है। हमें सकारात्मक सोच के साथ इसे लागू करना है। छात्रों को इस नई शिक्षा नीति से फायदा होने वाला है। इस कार्यक्रम के पहले दिन विशेषज्ञ वक्ता के रूप में कोल्हान विश्वविद्यालय के साइंस डीन सह एसबी कॉलेज चांडिल के प्रिसिपल डा. बीएन प्रसाद ने नई शिक्षा नीति के बारे में कहा कि इस नई शिक्षा नीति में सबको अपना माइंडसेट चेंज करना है। यह शिक्षकों, कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस शिक्षा नीति में सभी का मूल्यांकन होना है। शिक्षकों को मूल्यांकन के आधार पर ही प्रमोशन मिलेगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डा. अमर सिंह ने की। इस कार्यक्रम के लिए 214 सदस्यों ने निबंधन कराया था। पहले दिन 110 सदस्य जुड़े।

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कक्षा छठी से वोकेशनल कोर्स

नई शिक्षा नीति के बारे में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में डा. बीएन प्रसाद ने कहा कि इस नीति के माध्यम से इंटर, ग्रेजुएशन, पीजी अलग-अलग करने का सिस्टम समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति फाइव प्लस थ्री, प्लस थ्री, प्लस फोर के आधार पर होगी। प्रथम तीन साल बच्चों के पास कोई किताब नहीं होगी। उसके बाद के तीन साल में तीसरी, चौथी, पांचवीं की कक्षाएं होगी। इसके बाद के तीन साल में छठी, सातवीं व आठवीं की कक्षाएं होगी। छठी कक्षा से वाकेशनल की पढ़ाई प्रारंभ हो जाएगी। उसके बाद के प्लस फोर की पढ़ाई चार सेमेस्टर वाली होगी। एक साल का एक सेमेस्टर होगा।

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निजी स्कूल के फीस मामले में होगा सरकार का दखल नई शिक्षा नीति में निजी स्कूल के फीस के मामले में अपने कोई निर्णय नहीं ले सकते। इसमें सरकार का दखल होगा। बिना सरकार की मर्जी के निजी स्कूल अपने से फीस नहीं बढ़ा सकते। यह नीति वर्ष 2022 से लागू होने वाली है। इस आधार पर सबको तैयार हो जाना है।

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