जेल से चलाता रंगदारी कारोबार, बनाई करोड़ों की संपत्ति,जानिए

crime. यह अपराधी जेल की सलाखों के पीछे है, लेकिन आपराधिक साम्राज्य चल रहा है। रंगदारी से इसने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। पत्नी शराब कारोबार चलाती है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 20 Jan 2019 02:30 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jan 2019 02:30 PM (IST)
जेल से चलाता रंगदारी कारोबार, बनाई करोड़ों की संपत्ति,जानिए
जेल से चलाता रंगदारी कारोबार, बनाई करोड़ों की संपत्ति,जानिए

जमशेदपुर, जेएनएन। पूर्वी सिंहभूम के घाघीडीह जेल में बंद झारखंड के पलामू के गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के लिए रंगदारी मांगने के मामले में गिरफ्तार किए गए मोनू उर्फ आकाश राय ने सुजीत सिन्हा के साथ ही पूरे गिरोह का काला चिट्ठा खोलकर रख दिया है। सुजीत सिन्हा ने रंगदारी के पैसे से जो संपत्ति अर्जित की है, उसके अलावा पूरे कारोबार और उससे जुड़े सहयोगियों का नाम भी बता दिया है।

मोनू ने बताया कि सुजीत सिन्हा के जेल जाने के बाद वही गैंग चला रहा था। सुजीत के कहने पर ही उसने हिडाल्को के जीएम सुमित चटर्जी से पांच करोड़ की रंगदारी 2018 में मांगी थी। फर्जी दस्तावेज से हासिल सिम बागबेड़ा के बिट्टू कुमार ने उपलब्ध कराई थी। 2018 मार्च में बिट्टू ने 12 मोबाइल सिम सुजीत सिन्हा के कहने पर उसे उपलब्ध कराया था।

बीआइटी से एमबीए बना है गुर्गा

मोनू बीआइटी से एमबीए है, जबकि पलामू से मैट्रिक और इंटर पास किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद रांची में सहयोगी आशीष जोसेफ के साथ होटल फूड वैली को पार्टनरशिप में चलाने लगा। सुजीत सिन्हा उर्फ लाला से उसकी पहली मुलाकात होटल कर्मचारी मनोज के माध्यम से 2016 में हुई थी। वहां अक्सर सुजीत आता-जाता था। खाने-पीने का बिल भी कम देता था। धमक भी दिखाता था। होटल में ही उसकी दोस्ती सुजीत से हो गई। मुलाकात के दो-तीन माह बाद सुजीत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। रांची जेल में परेशानी होने के कारण हजारीबाग, गिरीडीह या दूसरे जेल में वह अपना ट्रांसफर कराता रहा। इसके बाद 2018 में घाघीडीह सेंट्रल जेल में वह पहुंच गया।

सुजीत ने सौंपा जमानत कराने का काम

मोनू ने पुलिस को बताया कि गैंगस्टर सुजीत सिन्हा ने जमानत कराने की जिम्मेदारी उसे सौंपी थी। पलामू के बारालोटा गांव के लोगों के बीच भी सुजीत चर्चित था। बालू का ठेका भी गैंगस्टर के सहयोगियों के पास ही है। कोयल नदी और कल्याणपुर बालू घाट की देखरेख उपेंद्र मेहता करता है। 70 से 80 लाख आमदनी होती है।

शराब का कारोबार सुजीत की पत्नी के जिम्मे

मोनू ने बताया कि सुजीत की पत्नी रिया के जिम्मे शराब का कारोबार है। 2018 को शराब कारोबार के टेंडर की देखरेख के लिए बिट्टू सिंह को देने की योजना तैयार थी। 14-15 हाइवा सुजीत सिन्हा के पास है, जो कोलमाइंस और ट्रांसपोर्ट एजेंसी के रूप में चलते हैं, जिससे 60-70 लाख रुपये की आमदनी होती हैं। इसकी देखरेख मनोज सिंह करता है।

रांची के फोर्क एंड कार्क रेस्टोरेंट में रुपये लगाए

रांची में रेलवे ओवरब्रिज के पास फोर्क एंड कार्क रेस्टोरेंट है, जिसमें बार भी है। इसकी देखरेख बिट्टू सिंह करता है। रेस्टोरेंट में सुजीत सिन्हा का रुपया लगा हुआ है। सुजीत की पत्नी मार्केट में ब्याज पर रुपये लगाती है। बदले में रुपये लेने वाले से ब्लैंक चेक और आधार कार्ड लेती है। गोल्ड लोन देने वाली आइएफएल और मुथुट फायनांस में 60-70 लाख के सोने का आभूषण रिया सिन्हा ने गिरवी रखा है।

रंगदारी के पैसे से रांची में लिया फ्लैट

मोनू ने बताया कि रिया सिन्हा ने रंगदारी के पैसे से रांची के कुसई रोड के सत्यभामा अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदा है। स्कार्पियो वाहन है। रिश्तेदार अभिषेक के नाम से स्विफ्ट कार है। रांची के कांके में 30 एकड़ विवादित जमीन है, जो बबलू खान के नाम से है। जमीन पर वाटर किंगडम बनाने की योजना है।

पलामू में सुजीत गैंग से जुड़े सदस्य

मोनू राय ने बताया कि सुजीत सिन्हा के गैंग में हरि तिवारी, विकास तिवारी, कैला तिवारी, टनटन उपाध्याय (सभी बारालोटा पलामू), पलामू बेलवाटिका के मनोज सिंह, बिट्टू सिंह, रेड़मा के सोनू सिंह हैं। वहीं रांची जिले में गैंग से जुड़े लोगों में रांची बरियातू के लवकुश शर्मा, विपिन शर्मा, सोनू शर्मा, रांची रेलवे ओवरब्रिज रोड के ऋषि सिंह, डोरंडा रांची के विकास सिंह, कांके का बबलू खान, रांची लालपुर का राजीव कुमार है।

इनसे मांगी गई रंगदारी

मोनू राय ने बताया कि सुजीत सिन्हा के कहने पर उसने पलामू के किचन किंग के मालिक से 2017 में 10 लाख, हनुमान तेल मिल के मालिक से 25 लाख, पलामू एजेंसी से 20 लाख रुपये रंगदारी मांगी। रंगदारी वसूली में रांची पुलिस ने 2017 में गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था।

सुजीत सिन्हा का ख्याल रखने का जिम्मा था बिट्टू पर

मोनू राय ने पुलिस को बताया कि घाघीडीह सेंट्रल जेल में सुजीत सिन्हा को कोई दिक्कत नहीं हो, इसके लिए बागबेड़ा निवासी सुजीत सिन्हा के साले बिट्टू कुमार को जिम्मेदारी दी गई थी। मोनू ने बताया कि वह जेल में आकर सुजीत सिन्हा से मिलता-जुलता था। गिरोह की पूरी जानकारी देता था। सुजीत सिन्हा के दिशा-निर्देश पर रंगदारी मांगी जाती थी। 

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