ISWP जमशेदपुर में मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को 60 साल तक वेतन दिलाने की कवायद

ISWP Jamshedpur टाटा स्टील की सहायक कंपनी आइएसडब्ल्यूपी (तार कंपनी) में किसी भी कारणवश सर्विस काल में मरने वाले कर्मियों के आश्रित को पूरे 60 साल तक पूरा वेतन दिलाने की कवायद शुरू है। वायर प्रोडक्ट लेबर यूनियन यह सुविधा बहाल करने की मांग की है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 05:35 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 05:35 PM (IST)
ISWP जमशेदपुर में मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को 60 साल तक वेतन दिलाने की कवायद
जमशेदपुर स्थित तार कंपनी का प्रवेश द्वार। फाइल फोटो

जमशेदपुर, जासं। टाटा स्टील की सहायक कंपनी आइएसडब्ल्यूपी (तार कंपनी) में किसी भी कारणवश सर्विस काल में मरनेवाले कर्मियों के आश्रित को पूरे 60 साल तक पूरा वेतन दिलाने की कवायद शुरू है। कंपनी की मान्यता प्राप्त वायर प्रोडक्ट लेबर यूनियन ने टाटा स्टील सहित अन्य कंपनियों का हवाला देते हुए यहां भी यह सुविधा बहाल करने की मांग की है।

बीते दिनों यूनियन की ओर से प्रबंधन को एक मांग पत्र सौंपा गया है जिसमें यहां भी टाटा स्टील की तरह सामाजिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मृतक कर्मी के आश्रित को साठ साल तक वेतन व अन्य सुविधाएं बहाल कराने की मांग की गई है। कंपनी की मान्यता प्राप्त वायर प्रोडक्ट लेबर यूनियन प्रबंधन को कर्मचारियों से संबंधित एक मांग सौंपी है जिसमें सामाजिक सुरक्षा के तहत कर्मचारियों के मरने पर उनके आश्रित को पेंशनर स्कीम देने की मांग की है। कहा है कि इस स्कीम में कर्मचारियों काे उनके सर्विस काल के 60 साल तक उनके परिजन को बेसिक-डीए मिलेगा। किसी भी कारणवश कर्मचारी की मौत पर पेंशन के तौर पर उनके आश्रित को बेसिक-डीए प्रतिमाह मिलेगा। वहीं कर्मचारियों के आश्रित को क्वार्टर सुविधा देने की मांग भी उठाई गई है। जब तक मृतक के आश्रित को आवास की सुविधा नहीं होगी उन्हें क्वार्टर दिलाने की मांग की जाएगी। ग्रुप बीमा के तहत कर्मचारियों को जो दो लाख रूपए मिलते थे उसे बीस साल करने की मांग भी यूनियन के मांग पत्र में शामिल किया गया है।

जल्द होगी यूनियन-प्रबंधन की बैठक

यूनियन नेताओं ने अन्य कंपनियों की तरह यहां भी किसी भी कारण से कर्मी की मौत होने पर उनके आश्रित को 60 साल तक बेसिक-डीए दिलाने की मांग तेज कर दी है। बहुत जल्द इस मामले में प्रबंधन-यूनियन की संयुक्त बैठक होने वाली है। बैठक पर कर्मचारियों की भी निगाहें टिकी है। उन्हें इंतजार है कि बैठक का क्या नतीजा निकलता है।

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