निजी विश्वविद्यालय की स्थापना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में : सूर्य सिंह बेसरा

संथाल विश्वविद्यालय को लेकर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने घोड़ाबांधा स्थित आवास पर मुलाकात की। संथाल विश्वविद्यालय के संस्थापक प्रबंध निदेशक सूर्य सिंह बेसरा ने केंद्रीय मंत्री से भेंट कर संथाल विश्वविद्यालय की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 07:00 AM (IST)
निजी विश्वविद्यालय की स्थापना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में : सूर्य सिंह बेसरा
निजी विश्वविद्यालय की स्थापना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में : सूर्य सिंह बेसरा

संस, घाटशिला : संथाल विश्वविद्यालय को लेकर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने घोड़ाबांधा स्थित आवास पर मुलाकात की। संथाल विश्वविद्यालय के संस्थापक प्रबंध निदेशक सूर्य सिंह बेसरा ने केंद्रीय मंत्री से भेंट कर संथाल विश्वविद्यालय की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित संथाल विश्वविद्यालय दामपाड़ा स्थित लेदा मौजा में स्थापित है। लेदा गांव के जमीन दाताओं ने 20 एकड़ जमीन विश्वविद्यालय के लिए दान में दिया है। निकट भविष्य में 100 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। जिसमें आधारभूत संरचना के लिए 500 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि भाजपा की तत्कालीन रघुवर सरकार ने निजी विश्वविद्यालय स्थापना के लिए अनुमति प्रदान किया था। झारखंड सरकार की उच्च शिक्षा विभाग स्थल निरीक्षण कर अनुशंसा कर चुकी है। संथाल विश्वविद्यालय परिसर में प्राथमिक से लेकर उच्च स्तर तक आदिवासी बच्चों को मुफ्त में आवासीय शिक्षा प्रदान किया जाएगा। प्रस्तावित विश्वविद्यालय में सामान्य शिक्षा के अलावा जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा अनिवार्य होगी। पूर्व विधायक ने कहा कि जनजातीय मामले के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने स्पष्ट किया कि निजी विश्वविद्यालय की स्थापना अब केंद्र सरकार के अधीन नहीं है। इसे राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में कर दिया गया है। उन्होंने कहा है जहां तक पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल की बात है, उसके लिए कॉरपोरेट सेक्टर टाटा कंपनी जैसी कंपनियों को सीएसआर फंड से आदिवासियों के व्यापक हित में विश्वविद्यालय की आधारभूत संरचना तैयार किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने संथाल विश्वविद्यालय का डीपीआर यानी संपूर्ण प्रोजेक्ट तैयार कर जनजातीय मंत्रालय में आवेदन देने को कहा है। उसके लिए आगामी 1-2 नवंबर को दिल्ली में वार्ता के लिए तिथि निर्धारित की गई है। दो नए एकलव्य विद्यालय के शिलान्यास पर केंद्रीय मंत्री को दी बधाई : पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डा. दिनेश कुमार षड़ंगी बहरागोड़ के प्रमुख शास्त्री हेंब्रम, भाजपा नेता परेश सिंह मुंडा, मुखिया पनसरी हांसदा, पूर्व मुखिया सुलेखा सिंह और मुखिया प्रतिनिधि माताल मंडी ने संयुक्त रूप से विज्ञप्ति जारी कर केंद्रीय कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा को पूर्वी सिंहभूम के पोटका प्रखंड के लक्षणसाई तथा डुमुरिया प्रखंड के काटासोला में दो नए एकलव्य विद्यालय का शिलान्यास करने के लिए बधाई व धन्यवाद दिया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि विगत दो वर्षों के दरम्यान केंद्र की जनजाति कल्याण योजना को स्वांसरुद्ध कर सामूहिक रूप से खंडहर में तब्दील कर दिया है। इस संदर्भ में दो-तीन दिन पूर्व अखबार में खबर प्रकाशित की गई थी। बहरागोड़ा प्रखंड के बूढ़ी पोखर में निर्मित एकलव्य भवन दो वर्षों से बनकर तैयार है, फिर भी कबाड़ बना हुआ है। इस विद्यालय के चालू नहीं होने पर उन्होंने केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकर्षित किया है।

पिछली बार जब केंद्रीय मंत्री मुंडा धालभूमगड़ एकलव्य विद्यालय का शिलान्यास करने आए थे तो उस समय वहां के कस्तूरबा व आदिवासी आवासीय विद्यालय की अपूरणीय स्थिति के बारे में तथा बनमाकड़ी में मेसो परियोजना के तहत परिचालित कल्याण अस्पाताल में कार्यरत चिकित्सा कर्मियों का वर्षों से मानदेय भुगतान नहीं होने की जानकारी दी गई थी। बावजूद इसके स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि एक वरिष्ठ पदाधिकार के नेतृत्व में केंद्रीय टीम झारखंड आकर बीते दो वर्षों के दौरान सभी केंद्र प्रायोजित योजना की जांच करे और राजनीतिक दबाव के कारण इन योजनाओं को सामूहिक मौत होने से बचाएं।

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