लक्ष्य को प्राप्त करने में सबसे बड़ी चुनौती पर्यावरण से संबंधित सरकारी नियम : नरेंद्रन

सीएसआइआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल) ने गुरुवार को अपना 71वां स्थापना दिवस वर्चुअल मोड में मनाया। 1950 में सीएसआइआर-एनएमएल की शानदार यात्रा को बताने के लिए कार्यक्रम की शुरुआत एनएमएल फिल्म बाउंड्री द बाउंड्री से हुई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 06:00 AM (IST)
लक्ष्य को प्राप्त करने में सबसे बड़ी चुनौती पर्यावरण से संबंधित सरकारी नियम : नरेंद्रन
लक्ष्य को प्राप्त करने में सबसे बड़ी चुनौती पर्यावरण से संबंधित सरकारी नियम : नरेंद्रन

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : सीएसआइआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल) ने गुरुवार को अपना 71वां स्थापना दिवस वर्चुअल मोड में मनाया। 1950 में सीएसआइआर-एनएमएल की शानदार यात्रा को बताने के लिए कार्यक्रम की शुरुआत एनएमएल फिल्म बाउंड्री द बाउंड्री से हुई। इसमें मुख्य अतिथि टाटा स्टील के ग्लोबल सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन रहे। उन्होंने स्टील, मैगनेशियम, टाइटेनियम और अन्य सामग्री के उत्पादन में अनुसंधान और हैंडलिग के लिए समर्पित विश्वविद्यालयों और संस्थानों के चीनी दृष्टिकोण पर चर्चा की। उन्होंने कार्बन डाइआक्साइड कैप्चर, हरित बिजली और हरित हाइड्रोजन के उपयोग और उत्पादन के लिए नई तकनीकों की आवश्यकता पर जोर दिया। कहा कि इस्पात उद्योग के लक्ष्य को प्राप्त करने में सबसे बड़ी चुनौती पर्यावरण से संबंधित सरकारी नियम हैं।

अध्यक्षता डीएसआइआर के सचिव सीएसआइआर के डीजी डा. एससी मांडे ने की। सीएसआइआर-एनएमएल के निदेशक डा. इंद्रनील चटराज ने अपने स्वागत में तकनीकी विकासों और अग्रणी कार्यों के माध्यम से पिछले 70 वर्षों में राष्ट्र के विकास में सीएसआइआर-एनएमएल के योगदान के बारे में उल्लेख किया है। बीआइटी मेसरा रांची के कुलपति प्रोफेसर आइ मन्ना ने बताया कि कैसे उत्पादन प्रक्रियाओं को न्यूनतम अपशिष्ट के साथ लागत प्रभावी बनाने से उद्योगों को कितना फायदा है। अध्यक्षीय भाषण देने से पहले डा. एस सी मांडे ने जर्नल आफ मैटेरियल्स साइंस एंड मेटलर्जी (जेएमएमएस) के दो अंक जारी किए। व्याख्यान समाप्त होने के बाद वार्षिक पुरस्कारों की घोषणा की गई। मुख्य अतिथि टीवी नरेंद्रन ने पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया।

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इन्हें मिला पुरस्कार 1.सर्वश्रेष्ठ शोध के लिए बीआर निझावान अवार्ड : जीके वंसल, डा. जीसी श्रीवास्तव, डा. एस घोष चौधुरी।

2. सर्वश्रेष्ठ तकनीकी विकास के लिए वीए अल्तकर अवार्ड : डा. एसके माइती, एम चंद्रशेखर, एस चौधुरी, एमके रुंडा, पीके धवन, कृष्णा कुमार।

3. गृह कार्य के सर्वश्रेष्ठ प्रोजेक्ट के लिए डा. एस बनर्जी अवार्ड : डा. संजय अग्रवाल, एस सिन्हा, एस शेखर, आरके चौधरी, डीआर महतो।

4. सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी के रूप में पीआर राव अवार्ड : सबन पूर्ति, आरआर श्रीवास्तव, वेद प्रकाश, सारथी।

5.सबसे अच्छे बोलचाल के वक्ता के रूप में एसपी मेहरोत्रा अवार्ड : जीके बंसल।

6. सामाजिक दायित्व के लिए अवार्ड : विश्वनाथ मुखी, रिमिल मार्डी, दबलू बेरा, परमार्थ सुमन, रामाश्रय राम।

7. जीवन भर सेवा के लिए विशेष पुरस्कार : अबोनी प्रधान, श्रीमति पनमाइ।

8. एनएमएल के लोगो डिजाइन के लिए स्पेशल अवार्ड : वेद प्रकाश

9. बोर्ड परीक्षाओं में 85 प्रतिशत अंक लाने के लिए पुरस्कार : स्तुति दाश, दीपांशु साव, अरि जतिन, रघुनाथ सुंब्रई, संजना साहू, के वेंकट अनिरूद्ध, अलिष्मा रथ, के शिवा अभिषेक, दिया चक्रवर्ती, एस तृषा, श्रीकर वर्मा, आइजे थामस, दिव्यरंजन मिश्रा, आदित्य उपाध्याय, बी जोनाथन।

10. किसी भी विषय में शत प्रतिशत नंबर लाने वाले इन छात्रों को मिला पुरस्कार : स्तुति दाश, दीपांशु साव, दिया चक्रवर्ती, एस तृषा।

11. राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा पास होने वाले छात्रों को विशेष पुरस्कार : श्रीकर वर्मा, आदित्य उपाध्याय, अंकुर मेहता।

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