EPFO Pension : 3000 वालों को मिल सकती है 300 प्रतिशत अधिक पेंशन, सुप्रीम कोर्ट पर नजरें
EPFO Pension ईपीएफओ पेंशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिछले 17 अगस्त से मामला चल रहा है। अगर सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कर्मचारियों के पक्ष में आता है तो पेंशन में 300 फीसद तक इजाफा हो सकता है...
जमशेदपुर, जासं। आप अगर प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे हैं और आप जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं। ऐसे में अगर आपकी पेंशन (EPS) में 300 फीसद तक इजाफा होने का आदेश आ जाता है तो आपको कितनी खुशी होगी। इसके लिए सभी प्राइवेट सेक्टर कर्मियों की नजरें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हुई है।
इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 17 अगस्त से लगातार चल रही है। मालूम हो कि प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को बेसिक वेतन को 15000 रुपए कर दिया गया है। इससे अधिक बेसिक है तो भी सैलरी पर पीएफ 15 हजार पर ही कैलकुलेट होगा। सुप्रीम कोर्ट इस सैलरी लिमिट को खत्म कर सकता है। यानि बेसिक वेतन 15 हजार से अधिक होने पर पीएफ का पैसा भी उच्चत्तम स्तर पर काटा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने अगर फैसला कर्मचारियों के पक्ष में दिया तो उनकी पेंशन कई गुणा बढ़ सकती है।
ऐसे कर सकते हैं आप अपनी पेंशन का आकलन
जमशेदपुर के विधि विशेषज्ञ सुधीर कुमार पप्पू के अनुसार, केंद्र सरकार ने 1 सितंबर 2014 को कर्मचारी पेंशन संशोधन योजना से संबंधित अधिसूचना जारी की थी, जिसका कर्मचारियों ने विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट का फैसला अगर कर्मचारियों के पक्ष में आया तो कर्मचारियों की पेंशन में 300 प्रतिशत उछाल आना तय माना जा रहा है।
ऐसे में आप अपनी पेंशन का आकलन इस तरह से कर सकते हैं। अगर आपने 14 साल की सेवा के बाद दो जून 2030 को सेवानिवृत्त होने वाल है तो पुराने फार्मूले के मुताबिक आपको करीब 3000 रुपए पेंशन मिलेगी। यह पेंशन 20 हजार रुपए के मासिक वेतन पर निर्धारित हुआ है। अगर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया तो इसी कर्मचारी का पेंशन (20,000X14)/70 = 4000 रुपये हो जाएगा।
निजी क्षेत्र के कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना का विरोध
केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारी पेंशन संशोधन योजना को एक सितंबर 2014 को अधिसूचित किया था। इसका निजी क्षेत्र के कर्मचारियों ने जमकर विरोध किया था। इसके ईपीएफओ ने सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलपी दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी सुनवाई करते हुए कहा कि जो अपने वास्तविक वेतन के आधार पर योगदान दे रहे हैं, वे अपनी कंपनी के साथ संयुक्त ऑप्शन के रूप में जमा कर रहे हैं। वे बिना औचित्य के इस योजना का फायदा नहीं उठा पाते। पेंशन का वेतन 15 हजार रुपए तय करने का कोई औचित्य नहीं है।