भारी वाहनों की एंट्री, दुकानदारों का अतिक्रमण, नतीजा जाम

मकर पर्व की पूर्व संध्या पर बुधवार को लगभग पूरे दिन मुख्य सड़क पर जाम लगा रहा। आलम यह रहा कि एक किलोमीटर का सफर करने में लोगों को आधा घंटा से एक घंटे तक लग गया। इस दौरान आपातकालीन कार्य लेकर घर से निकलने वाले लोग काफी परेशान रहे..

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 05:00 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 05:00 AM (IST)
भारी वाहनों की एंट्री, दुकानदारों का अतिक्रमण, नतीजा जाम
भारी वाहनों की एंट्री, दुकानदारों का अतिक्रमण, नतीजा जाम

संवाद सूत्र, चाकुलिया : मकर पर्व की पूर्व संध्या पर बुधवार को लगभग पूरे दिन मुख्य सड़क पर जाम लगा रहा। आलम यह रहा कि एक किलोमीटर का सफर करने में लोगों को आधा घंटा से एक घंटे तक लग गया। इस दौरान आपातकालीन कार्य लेकर घर से निकलने वाले लोग काफी परेशान रहे। हालांकि स्थानीय थाना की पुलिस दिनभर बिरसा चौक से लेकर बैंक ऑफ इंडिया तक लेफ्ट राइट करती रही लेकिन लोगों को जाम से मुक्ति नहीं मिल सकी। दरअसल, जाम की समस्या के कारणों की तरफ स्थानीय प्रशासन का ध्यान ही नहीं है। शहर के मुख्य सड़क पर अधिकांश जगह लोगों ने सड़क की जमीन का अतिक्रमण कर अपनी दुकानों को कई फुट तक आगे बढ़ा लिया है। दुकान का सामान भी निकाल कर लोग सड़क पर ही रख देते हैं। इससे सड़क सकरी हो गई हैं। बिरसा चौक के समीप हनुमान मंदिर से लेकर बैंक ऑफ इंडिया तक तो स्थिति बेहद खराब है। इसी प्रकार नया बाजार सुभाष चौक से लेकर डिग्री कॉलेज तक सड़क के दोनों तरफ दुकानदारों द्वारा बेतहाशा अतिक्रमण किया गया है। यहां तो एक तरह से अतिक्रमण करने की प्रतिस्पर्धा दुकानदारों में चल रही है। जाहिर है जब सामान सड़क पर रहेगा तो खरीदार भी सड़क पर ही खड़ा होगा। साइकिल व बाइक भी सड़क पर ही रहेगी। ऐसी स्थिति में दो वाहनों का एक साथ गुजारना नामुमकिन हो गया है। शांति समिति की बैठकों में भी कई बार दुकानदारों द्वारा सड़क का अतिक्रमण करने का मसला उठ चुका है लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। जाम का दूसरा प्रमुख कारण भारी वाहनों की एंट्री है। मकर पर्व को लेकर बाजार में काफी भीड़ भाड़ रहने के बावजूद भारी वाहनों का परिचालन दी मुख्य सड़क से बदस्तूर जारी है। चाकुलिया वासियों का दुर्भाग्य यह है कि यहां कोई बाईपास सड़क की व्यवस्था आज तक नहीं की गई है। स्थानीय लोग भी मानते हैं कि भीड़भाड़ को देखते हुए प्रशासन को फिलहाल दिन के समय नो एंट्री लगाना चाहिए। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस गंभीर मसले पर मौन है। लिहाजा, जनता को सड़क पर चलने की बजाय रेंगना पड़ रहा है।

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