आज घरों में अदा करेंगे ईद उल फितर की नमाज
कोरोना संक्रमण के प्रसार से अपने जीवन को बचाने की जद्दोजहद के बीच मुस्लिम समुदाय रमजान उल मुबारक के गुरुवार को खत्म हुए 30 रोजे के बाद शुक्रवार को ईद का त्यौहार मनाएंगे। ईद उल फितर की खुशी व उल्लास कहीं नजर नहीं आ रहा है..
संसू, मुसाबनी : कोरोना संक्रमण के प्रसार से अपने जीवन को बचाने की जद्दोजहद के बीच मुस्लिम समुदाय रमजान उल मुबारक के गुरुवार को खत्म हुए 30 रोजे के बाद शुक्रवार को ईद का त्यौहार मनाएंगे। ईद उल फितर की खुशी व उल्लास कहीं नजर नहीं आ रहा है। ना बाजारों में रौनक है, ना मस्जिद सजी हैं, न ही मोहल्लों में चहल-पहल है। उसके बाद भी मुस्लिम समुदाय के लोग सादगी से ईद मनाने की तैयारी सरकार द्वारा जारी स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के नाम से मिनी लॉकडाउन के बीच कर रहे हैं। ईद उल फितर का त्योहार मुसलमानों को खुदा ने रमजान उल मुबारक के 30 रोजे रखने की खुशी में उपहार स्वरूप दिया है। इसकी खुशी रोजा रखने के बाद दोगुनी हो जाती है। बच्चों में इसको लेकर गजब का उत्साह देखा जाता है। सभी इस त्यौहार में विशेषकर नए कपड़े पहनते हैं। अच्छे पकवान खाते हैं, सेवइयां खाते हैं और एक दूसरे को ईद की बधाइयां देते हैं। इस बार प्राकृतिक आपदा के कारण ईद उल फितर की नमाज मस्जिदों में नहीं अदा करने का निर्णय लिया गया है। जिसके कारण सभी मुस्लिम धर्मावलंबी यह विशेष नमाज अपने अपने घरों में ही अदा करेंगे। ईद की खरीदारी पर कोरोना की मार, बाजार में सन्नाटा : कोरोना संक्रमण से लगे लॉकडाउन ने इस बार भी ईद की रौनक फीकी कर दी है। जिसका असर मुसाबनी बा•ार में भी देखने को मिल रहा है। ईद से पहले गुलजार रहने वाला बा•ार भी खामोश है। बाजार में लोगों को सेवई व लच्छे की खरीदारी करते देखा गया। मिनी लॉकडाउन होने की वजह से बाजारों से रौनक पूरी तरह से गायब है। पुलिस की सख्ती के सामने खरीदार दुकानों से खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं। साथ ही कोरोना के खौफ ने भी लोगों को घरों में ही कैद किया है। लॉकडाउन और कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं और यही वजह है कि इस बार ईद कोविड प्रोटोकॉल और सादगी के साथ मनाई जाएगी।