पूर्वी सिंहभूम में पांच साल से अधूरे पड़े हैं 27 करोड़ के शैक्षणिक भवन
Educational Buildings in eastsinghbhum Jharkhand पूर्वी सिंहभूम के निर्माणाधीन स्कूल भवनों का बुरा हाल है। अब भवनों में दरारें पड़ने लगी हैं। छह मॉडल स्कूल बन रहे थे राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से जबकि दो आवसीय बालिका विद्यालय भवन निर्माण विभाग से।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। पूर्वी सिंहभूम जिला के छह मॉडल स्कूल तथा झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय के दो विद्यालय पिछले पांच वर्ष से अधूरे पड़े हैं। एक-एक मॉडल स्कूल की लागत वर्ष 2016 में 3 करोड़ 10 लाख रुपए थी। एक-एक आवासीय विद्यालय की लागत चार करोड़ रुपए से अधिक है। कुल 27 करोड़ के शैक्षणिक भवन इस जिला में अधूरे हैं। धालभूमगढ़, चाकुलिया, बहरागोड़ा, डुमरिया, पटमदा, घाटशिला में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के तहत इन भवनों को बनना था।
यह भारत सरकार की योजना थी, जिसे तीन वर्ष पूर्व बंद कर दिया गया। झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय बोड़ाम और गुड़ाबांदा में भवन निर्माण का काम भवन निर्माण विभाग लिमिटेड की ओर से किया जा रहा है। कुछ भी होने से इन मामलों में जिला शिक्षा विभाग को जवाब देना पड़ता है, जबकि इन योजनााओं से जिला शिक्षा विभाग का कोई लेना-देना नहीं है। रविवार को प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति की बैठक में भी ये मामले उठे। इसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी एसडी तिग्गा की ओर से जवाब दिया गया कि इन योजनाओं में शिक्षा विभाग का कोई रोल नहीं है। इन योजनाओं को पूर्ण करने के लिए विधानसभा में भी आवाज उठ चुकी है, लेकिन अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है।