छात्रों की सहूलियत के लिए 20 हजार प्रश्नों का बैंक तैयार रहा शिक्षा विभाग Jamshedpur News

Lernetics app. झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से कक्षा नवम से 12वीं के छात्रों की सहूलियत के लिए 20 हजार प्रश्नों का बैंक तैयार कर रहा है। इसी प्रश्न बैंक के आधार पर प्रश्न पूछे जाएंगे। इसे एप में अपलोड किया जा रहा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sat, 07 Nov 2020 02:53 PM (IST) Updated:Sun, 08 Nov 2020 09:09 AM (IST)
छात्रों की सहूलियत के लिए 20 हजार प्रश्नों का बैंक तैयार रहा शिक्षा विभाग Jamshedpur News
टाटा वर्कर्स यूनियन हाई स्कूल कदमा में पढ़ते विद्यार्थियों की फाइल फोटो।

जमशेदपुर, वेंकटेश्वर राव।  झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से कक्षा नवम से 12वीं के छात्रों की सहूलियत के लिए 20 हजार प्रश्नों का बैंक तैयार कर रहा है। इसी प्रश्न बैंक के आधार पर परीक्षार्थियों से प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके लिए झारखंड शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (जेसीइआरटी) ने लर्नेटिक्स एप तैयार कर लिया है।

इस एप में सारे प्रश्नों को अपलोड किया जा रहा है। इस एप के माध्यम से कभी भी किसी विषय का कोई अध्याय भी छात्र पढ़ सकते हैं। विभाग जल्द ही इस एप को लांच करने जा रहा है। इस एप में नौवीं से 12वीं के सभी विषय के हर चैप्टर में से प्रश्न रहेगा। सारे प्रश्न विभिन्न जिलें के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों से विभाग ने मंगाया था। उसके बाद इसे एप में अपलोड किया जा रहा है।

क्‍या है इस एप में 

इस लर्नेटिक्स एप में नौवीं से 12वीं कक्षा के लिए अलग-अलग सभी विषयों और सभी चैप्टर की सामग्री उपलब्ध रहेगी। इससे विद्यार्थी हर दिन किसी भी विषय के किसी भी चैप्टर को पढ़ सकेंगे। इसी में अगर सिलेबस संशोधित होता है तो इसे भी विद्यार्थी आसानी से एपहचान जाएंगे। संशोधित सिलेबस जारी होने के बाद कंटेंट हरा और पीले रंग से हाईलाइट हो जाएगा। हरे रंग से हाइलाइट होने वाला पाठ्यक्रम ही संशोधित पाठ्यक्रम होगा और परीक्षा में उसी से सवाल पूछे जाएंगे। पीला रंग से किया हुआ हाईलाइट पुरा पाठ्यक्रम होगा। यह एप कोरोना के बाद भी काम करता रहेगा।

एप के माध्यम से प्रतियोगिता परीक्षाओं पर नजर

लर्नेटिक्स एप के माध्यम से शिक्षा विभाग प्रतियोगिता परीक्षाओं पर नजर रख रहा है। रेलवे, बैंकिंग, इंजीनियरिंग व मेडिकल समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में कक्षा नवम से 12 वीं तक के पाठ्यक्रमों के वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते हैं। विभाग के इस एप में भी सारे प्रश्न वस्तुनिष्ठ रहेंगे। विभाग को उम्मीद है कि अगर छात्र इस एप के क्वश्चयन बैंक को पूरी तरह से हल कर लेंगे तो उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अलग से किताब लेने की जरूरत नहीं। गणित, विज्ञान जैसे विषयों में आवश्यकता पड़ने पर विस्तार से उत्तर की भी व्यवस्था की गई है। 

एप को छात्रों तक पहुंचाना चुनौती

यह एप छात्रों के लिए कितना कारगर सिद्ध होगा यह तो भविष्य की बात है। वर्तमान में सरकारी स्कूलों में चल रही आनलाइन कक्षाओं में यह बात खुलकर सामने आइ है कि हाइस्कूलों में 60 प्रतिशत बच्चों या उनके अभिभावकों के पास एंड्राइड मोबाइल ही नहीं है। इस बात को विभाग भी मानता है। एप को छात्रों तक पहुंचाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। 

ये कहते विशेष पदाधिकारी

इस एप की सारी तैयारी पूरी हो चुकी है। एप को संशोधित पाठ्यक्रमों के साथ जल्द ही लांच किया जाएगा। इस एप के माध्यम से हम छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं तथा जैक बोर्ड द्वारा संचालित परीक्षाओं की तैयारी बड़ी आसानी से करा सकते हैं। यह एप परिषद का एक महत्वपूर्ण कदम है। 

-जयंत मिश्रा, विशेष पदाधिकारी, जेसीइआरटी, रांची।

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