विद्यालय भवन तोड़कर भूल गया शिक्षा विभाग

प्रखंड के लोधाशोली पंचायत का खाड़बांधा प्राथमिक विद्यालय शिक्षा विभाग की लचर कार्यशैली एवं लालफीताशाही का जीता जागता नमूना बनकर रह गया है। आलम यह है कि पिछले साल शिक्षा विभाग ने विद्यालय भवन को जर्जर घोषित करते हुए इसे तोड़ने का आदेश दिया था..

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 08:00 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 08:00 AM (IST)
विद्यालय भवन तोड़कर भूल गया शिक्षा विभाग
विद्यालय भवन तोड़कर भूल गया शिक्षा विभाग

पंकज मिश्रा, चाकुलिया : प्रखंड के लोधाशोली पंचायत का खाड़बांधा प्राथमिक विद्यालय शिक्षा विभाग की लचर कार्यशैली एवं लालफीताशाही का जीता जागता नमूना बनकर रह गया है। आलम यह है कि पिछले साल शिक्षा विभाग ने विद्यालय भवन को जर्जर घोषित करते हुए इसे तोड़ने का आदेश दिया था। जर्जर भवन को तोड़ भी दिया गया। लेकिन तोड़ने के बाद शिक्षा विभाग भूल गया इस गांव में कोई विद्यालय भवन था। लिहाजा तोड़े गए भवन की जगह नया भवन नहीं बन पाया। इससे गांव में विद्यालय के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा। लेकिन आदिवासी बहुल इस गांव के लोगों ने अपने बच्चों के लिए शिक्षा के महत्व को समझते हुए आपसी सहयोग एवं श्रमदान से अस्थाई विद्यालय भवन का निर्माण कर डाला। इससे एक तरफ जहां लोग शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ शिक्षा के प्रति ग्रामीणों की जागरूकता की सराहना भी की जा रही है। फिलहाल लॉकडाउन के चलते बच्चों की कक्षाएं नहीं हो रही हैं पर ग्रामीणों द्वारा निर्मित कच्चे भवन में ही विद्यालय के बेंच, डेस्क व कुर्सी-टेबल आदि रखे हुए हैं। पिछले साल ही तोड़ा गया था भवन : खाड़बांधा प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों की पढ़ाई होती है। विद्यालय में दो शिक्षक पदस्थापित हैं, जबकि 56 विद्यार्थी नामांकित हैं। शिक्षकों में दिनेश माहली नियमित शिक्षक हैं। गांव की राखी रानी हांसदा पारा शिक्षक हैं। इस बाबत पूछने पर राखी हांसदा ने बताया कि गत वर्ष विभाग से आदेश निकलने के बाद जर्जर हो चुके विद्यालय भवन को ढहा दिया गया था। नया विद्यालय भवन बनना था जो अभी तक नहीं बन पाया है। ग्रामीणों के प्रयास से एक अस्थाई विद्यालय का निर्माण किया गया है, जिसमें बेंच, डेस्क आदि रखा गया है। विद्यालय के कार्यालय को किचन में शिफ्ट कर दिया गया है। किसी ने किया आर्थिक सहयोग तो किसी ने श्रमदान : विद्यालय भवन तोड़ने के बाद जब महीनों इंतजार के बावजूद शिक्षा विभाग ने नया भवन निर्माण हेतु पहल नहीं की तो गांव के लोगों ने 'अपना हाथ जगन्नाथ' का फार्मूला अपनाया। ग्रामीणों ने आपस में एक बैठक की और तय किया कि किसी भी हाल में हुए विद्यालय का अस्तित्व बचाए रखेंगे। इसके लिए एक अस्थाई विद्यालय भवन निर्माण का निर्णय लिया गया। गांव के लोगों ने इस काम में बढ़-चढ़कर भाग लिया। किसी ने आर्थिक सहयोग किया, तो किसी ने श्रमदान। किसी ने बांस दिया, तो किसी ने बल्ली। इस तरह देखते ही देखते अप्रैल में कच्चा विद्यालय भवन बनकर तैयार हो गया। गांव के वार्ड पार्षद लोबो हांसदा, दुर्गा चरण मांडी, हरिराम मुर्मू, सुभाष गोप एवं विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों ने भी इसमें सक्रिय भूमिका निभाई। जर्जर होने के कारण पिछले वर्ष खाड़बांधा विद्यालय भवन को तोड़ा गया था। नए भवन के लिए विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। लेकिन अभी तक मंजूरी नहीं मिली है।

- सत्यजीत मैती, कनीय अभियंता, शिक्षा विभाग।

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