Undercook Rice side Effect: अधपके चावल खाने से हो सकता है कैंसर, सही पकाने से रोग होंगे दूर
Undercook Rice side Effect एक नई शोध के मुताबिक पूरी तरह से ब्वाॅयल न हुए यानी अधपके चावल खाने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। दरअसल मौजूदा दौर में ज्यादातर फूड कैमिकल के बिना तैयार नहीं होते हैं और इन्हें बड़ी लापरवाही के साथ लोग खा रहे हैं।
जागरण संवाददाता,जमशेदपुर : कार्बोहाइड्रेट युक्त चावल घंटों तक भूख को शांत रख सकता है। विटामिन और मिनरल से भरपूर चावल पूरे भारत में खूब खाया जाता है। कार्बोहाइड्रेट युक्त चावल घंटों तक भूख को शांत रख सकता है। तेजी से पकने के चलते चावल उन लोगों का फेवरेट हैं, जो प्रतिदिन बहुत ज्यादा व्यस्त रहते हैं। लेकिन चावल पर हुआ एक हालिया शोध चिंता बढ़ाने वाला है।
एक नई शोध के मुताबिक पूरी तरह से ब्वाॅयल न हुए यानी अधपके चावल खाने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। दरअसल मौजूदा दौर में ज्यादातर फूड कैमिकल के बिना तैयार नहीं होते हैं और इन्हें बड़ी लापरवाही के साथ लोग खा रहे हैं। ये भविष्य में स्वास्थ्य से जुड़ी कई प्रकार की बीमारियों को बढ़ावा दे सकते हैं। जानकारी के मुताबिक फसल को कीड़ों से बचाने व अच्छा पैदावार के लिए जिन कैमिकल्स व कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है वह चावल को बेहद खतरनाक बना देते हैं। ये कई मामलों मं अर्सेनिक पॉइजिनंग का कारण भी बन सकता है। इस पर एक नहीं कई स्टडीज मौजूद है जो दावा करते हैं कि चावल एक कार्सिनोजेन है तो कैंसर को बढ़ावा देता है। 90 के दशक में महिलाओं पर हुई कैलिफॉर्नियों टीचस्र स्टडी में ब्रेस्ट कैंसर समेत कई अन्य प्रकार के कैंसर के संभावित खतराें की पहचान की गई थी।
अर्सेनिक होता है केमिकल
इसके फॉलोअप के दौरान कुल 9400 वॉलंटियर्स कैंसर पीड़ित पाए गए थे, जिसमें ब्रेस्ट और लांग कैंसर के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा थी। अर्सेनिक एक कैमिकल होता है जो कई प्रकार के मिनरल्स में पाया जाता है। इसका प्रयोग पेस्टिसाइड्स में किया जाता है। कई ऐसे भी देश है जहां जमीन के भीतर मौजूद पानी का अर्सेनिकल लेवल बहुत ज्यादा है। इससे अर्सेनिक पॉइजनिंग की दिक्कत बढ़ सकती है तो उल्टी, पेट दर्द, डायरिया और कैंसर को भी ट्रिगर कर सकता है। स्टडी के मुताबिक चावल में अर्सेनिक लेवल ज्यादा होता है। यह इसे ठीक से न पकाया जाए तो बेहद जानलेवा साबित हो सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक चावल को पकाने से पहले उसे रात भर पानी भें भींगने के लिए छोड़ दें। ऐसा करने से इसका टॉक्सिन लेवल 80 प्रतिशत तक कम हो जाता है।