दुर्घटना के कारण पिता के पैर कटे, पेट भरने के लिए बाप छह साल की बेटी संग मांग रहा भीख, बेटी जाना चाहती है स्कूल

35 वर्षीय अनिल कुमार सिंह बागबेड़ा कीताडीह का रहने वाला है। वह लाफार्ज सीमेंट कंपनी में ड्राइवर का काम किया करता था। 25 जुलाई 2017 को अनिल कुमार सिंह लाफार्ज कंपनी से काम कर साइकिल से कीताडीह लौट रहा था।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 08 Jul 2021 06:03 PM (IST) Updated:Thu, 08 Jul 2021 06:03 PM (IST)
दुर्घटना के कारण पिता के पैर कटे, पेट भरने के लिए बाप छह साल की बेटी संग मांग रहा भीख, बेटी जाना चाहती है स्कूल
बेटी के साथ भीख मांगते लाफार्ज कंपनी का ड्राइवर अनिल कुमार सिंह।

पोटका, शंकर गुप्ता। कहते हैं जब मुसीबत आता है तो परछाई भी साथ छोड़ देता है। ऐसा ही वाकया पोटका में देखने को मिला। एक लाचार एवं बेबस पिता अपनी पत्नी एवं बेटियों की भूख मिटाने के लिए छह साल की पुत्री को लेकर हाथ में कटोरा लिए दुकान- दुकान भीख मांग रहा है और अपने परिवार का जीवन यापन कर रहा है। यह एक दुखदाई दृश्य देखने से कलेजा मुंह को आ जाता है। जहां तक हो सके दुकानदार इनके पेट को भरने के लिए यथासंभव पैसा दिया करता है। मगर आखिर कितने दिनों तक इस तरह अपने परिवार का जीवन यापन करेगा।

लाफार्ज कंपनी में करता था पिता, कीताडीह आने के क्रम में हुई दुर्घटना

35 वर्षीय अनिल कुमार सिंह बागबेड़ा कीताडीह का रहने वाला है। वह लाफार्ज सीमेंट कंपनी में ड्राइवर का काम किया करता था। 25 जुलाई 2017 को अनिल कुमार सिंह लाफार्ज कंपनी से काम कर साइकिल से कीताडीह लौट रहा था। इस बीच रास्ते में एक लाल रंग की कार ने जोरदार टक्कर मार दी जिससे इनका एक पैर पूरी तरह से टूट गया जिसके बाद इन्हें एमजीएम में भर्ती कराया गया, जहां इनका बायां पैर काट दिया गया। इसके बाद यह परिवार के लिए बोझ सा बन गया। भाइयों ने इन्हें घर से निकाल दिया तब यह अपने दो बेटी ममता कुमारी 8 वर्ष एवं गुड़िया कुमारी 6 वर्ष एवं पत्नी के साथ भटकने लगा। चारों तरफ जब कहीं भी इन्हें किसी प्रकार का काम नहीं मिल पाया तो अंत में अनिल कुमार सिंह ने सोचा कि भीख मांग कर ही किसी तरह परिवार को पालूंगा। इसी को लेकर अपने छह वर्षीय पुत्री गुड़िया कुमारी को लेकर रोज हाता, हल्दीपोखर, हेसल व राजनगर आदि जगहों में भीख मांग कर अपने परिवार को पाल रहा है। बाप बेटी की इस दृश्य को देखने से लगता है कि मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो।

ना राशन कार्ड, ना वोटर कार्ड

अनिल कुमार सिंह के पास न राशन कार्ड है ना वोटर कार्ड, आधार कार्ड था वह भी खो गया है। पैर कट जाने से दिव्यांग हो चुके अनिल को अब कोई रोजगार देने वाला भी नहीं है। परिवार की माली हालत के कारण बस किसी तरह एक टाइम का भोजन नसीब हो रहा है। वह भी लाचारी के कारण।

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