झारखंड में बने डॉक्यूमेंटेड पॉलिसी, आदिवासी उद्यमियों को मिले टेंडर में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी
झारखंड में आदिवासी उद्यमियों को उनका अधिकार मिले। टाटा स्टील सहित सभी स्थानीय कंपनियों में होने वाली टेंडर प्रक्रिया में 70 प्रतिशत की हिस्सेदारी मिले। इसके लिए जरूरी है कि राज्य में डॉक्यूमेंटेड पॉलिसी का निर्माण हो तभी आदिवासी उद्यमियों को सहीं लाभ मिल पाएगा।
जमशेदपुर, जासं। झारखंड में आदिवासी उद्यमियों को उनका अधिकार मिले। टाटा स्टील सहित सभी स्थानीय कंपनियों में होने वाली टेंडर प्रक्रिया में 70 प्रतिशत की हिस्सेदारी मिले। इसके लिए जरूरी है कि राज्य में डॉक्यूमेंटेड पॉलिसी का निर्माण हो तभी आदिवासी उद्यमियों को सहीं लाभ मिल पाएगा।
आदिवासी उद्यमियों को उनका अधिकार और स्थानीय कंपनियों में टेंडर प्रक्रिया में उनका अधिकार दिलाने के लिए झारखंड ट्राइबल इंटरपेनियोर एसोसिएशन का गठन किया गया है। पोटका के पूर्व विधायक सनातन मांझी को इस एसोसिएशन का अध्यक्ष बनाया गया है। शुक्रवार दोपहर सर्किट हाउस स्थित एक बंगले में प्रेसवार्ता करते हुए एसोसिएशन के महासचिव एलन लकड़ा ने ये बातें कहीं। बकौल लकड़ा, इस संबंध में हमने टाटा स्टील में एमडी के नाम सहित झारखंड सरकार को भी एक प्रस्ताव भेजा है। इसमें आदिवासी उद्यमियों को टेंडर मिलने में होने वाली परेशानी, सिस्टम की कमियां, शेयर ऑफ बिजनेस में हमारी नगण्य स्थिति सहित विभिन्न विषय शामिल है।
हमारी मांग है कि झारखंड में डॉक्यूमेंटेड पॉलिसी बने, जिसका अनुपालन सभी कंपनियों में हो ताकि सरकारी उपक्रम व निजी कंपनियों मं निकलने वाली टेंडर प्रक्रिया में हम वंचित न हो। एलन का कहना है कि आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के बावजूद यहां आदिवासी उद्यमियों की उपस्थिति टेंडरों में 70 प्रतिशत तक होनी चाहिए। जबकि वर्तमान में एक प्रतिशत से भी कम है। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन का प्रयास होगा कि सभी आदिवासी उद्यमियों को न सिर्फ टेंडर प्रक्रिया की पूरी जानकारी दी जाएगी बल्कि आदिवासी युवाओं को भी तकनीकि रूप से दक्ष्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हमारी जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (पूर्व में एक्सएलआरआई) के प्रोफेसरों से बात चल रही है। जो आदिवासी युवाओं को प्रशिक्षित करने, उनके उत्पादों की मार्केटिंग करने और उनके वित्तीय समस्याओं का समाधान करने में पहल करेंगे। प्रेसवार्ता में कोषाध्यक्ष रोशन हेम्ब्रम, पार्थो मांझी, एचएन गौड़, बहादुर बेसरा, चंचल लकड़ा, पार्थो उर्फ बाबू मांझी सहित अन्य उपस्थित थे।
आदिवासी उद्यमियों को मुख्यधारा में लाने की जरूरत : सनातन
प्रेसवार्ता में पूर्व विधायक सनातन मांझी ने कहा कि वर्तमान समय में आदिवासी परिवार कृषि व मजदूरी पर ही निर्भर है। जब तक इन्हें मुख्यधारा में लाकर व्यापार से नहीं जोड़ेंगे, इसका स्वार्णिम विकास नहीं होगा। सभी आदिवासी उद्यमियों को टाटा स्टील और आदित्यपुर औद्योगिक इकाइयों में निकलने वाली टेंडर प्रक्रिया में बेहतर अवसर मिले, इसके लिए सभी कंपनियों को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। हमें उम्मीद है कि इस दिशा में राज्य सरकार भी पहल करते हुए आदिवासी उद्यमियों को बेहतर अवसर उपलब्ध कराएगी।
सीएसआर नियमों का सख्ती से पालन : चांदमणि
प्रेसवार्ता में आदिवासी उद्यमी चांदमणि कुंकल का कहना है कि देश व राज्य में सीएसआर पॉलिसी बनी हुई है लेकिन इसका सख्ती से अनुपालन कराने की जरूरत है। कोविड-19 के कारण प्राइवेट व सरकारी उपक्रमों में जो प्रक्रिया रूक गई है, उन्हें पुन: स्थापित करने की जरूरत है ताकि नए उद्यमियों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि टाटा स्टील में आदिवासी उद्यमियों को टेंडर प्रक्रिया में बेहतर हिस्सेदारी मिलनी चाहिए।
सनातन बने ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य
बीते दिनों झारखंड सरकार ने आदिवासियो के विकास के लिए ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल की स्थापना की है। इसमें पोटका के पूर्व विधायक सनातन मांझी को भी बतौर सदस्य शामिल किया गया है। प्रेसवार्ता में एसोसिएशन के सदस्यों ने सनातन मांझी को गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया। साथ ही उम्मीद जताई कि वे आदिवासी युवाओ की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने का काम करेंगे।