थाना के मालखाना के प्रभार लेन-देन को हो रही किचकिच

थाना के मालखाना का प्रभार लेने से पुलिस अधिकारी दूर भागते हैं। किसी भी सूरत में कोई मालखाना का इंचार्ज नहीं बनना चाहता है।

By Edited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 07:09 AM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 07:09 AM (IST)
थाना के मालखाना के प्रभार लेन-देन को हो रही किचकिच
थाना के मालखाना के प्रभार लेन-देन को हो रही किचकिच

जमशेदपुर, जासं।  थाना के मालखाना का प्रभार लेने से पुलिस अधिकारी दूर भागते हैं। किसी भी सूरत में कोई मालखाना का इंचार्ज नहीं बनना चाहता है। इसके लिए भले ही उसे निलंबन से लेकर वेतन पर रोक की कार्रवाई तक झेलनी पड़े। यह स्थिति पूरे जिले की है। चार्ज लेन-देन को प्रभारियों में विवाद व किचकिच होता है।

साकची और गोलमुरी थाना के मालखाना का प्रभार लेन-देन को लेकर पुलिस अधिकारियों में विवाद हो गया। बात इतनी बिगड़ गई कि मामला वरीय पुलिस अधीक्षक तक पहुंच गया। साकची थाना के इंस्पेक्टर अंजनी तिवारी वर्तमान में आजादनगर थाना के प्रभारी हैं, साकची इंस्पेक्टर मदन शर्मा है। बिष्टुपुर के इंस्पेक्टर श्रीनिवास पहले गोलमुरी थाना के प्रभारी थे, वहां वर्तमान प्रभारी आमिश हुसैन है। श्रीनिवास मालखाना का प्रभार देने को लेकर बीते 14-15 दिन से गोलमुरी थाना का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन वर्तमान प्रभारी उनसे प्रभार नही ले रहे हैं। आजादनगर इंस्पेक्टर और साकची इंस्पेक्टर के बीच कुछ ऐसा ही हो रहा है। चार्ज नही लेने के कारण गोलमुरी थाना के एक अधिकारी का वेतन लंबे समय तक रुक गया था।

क्यों आती है ऐसी स्थिति

एक पुलिस अधिकारी की माने तो पहले मालखाना का प्रभार लेने में कोई परेशानी नहीं होती थी, लेकिन अब मामले में विभागीय पेच का सामना कर पड़ जाता है। पहले जो मालखाना का प्रभारी होता था उसका तबादला निश्चित समय में ही होता था। उनसे केवल मालखाना का ही काम लिया जाता था। वर्तमान में स्थिति विपरीत है। अचानक कब स्थानांतरण हो जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है। स्थानांतरण होने के बाद प्रभार देने को विभागीय चक्कर काटना पड़ता है। कोई प्रभार लेने को सहज तैयार नहीं होता।

ठीक से नहीं होता रखरखाव

मालखाना का रखरखाव ठीक से नहीं होता है। कुछ सामान सड़ जाते तो कुछ गायब हो जाते हैं। ऐसे में कोर्ट में जवाब देना मुश्किल हो जाता है। सामान दिखाने को कहा जाता हैं तो मालखाना प्रभारी को समस्या का सामना कर पड़ता हैं।

क्या होता हैं मालखाना

थानों का मालखाना सबसे महत्वपूर्ण होता है। वहां हर जब्त सामान को रखा जाता है। बकायदा सामानों की नंब¨रग की जाती है। रजिस्ट्रर में इसकी इंट्री होती है। सूची बनाई जाती है। केस नंबर के साथ कागज चस्पा किया जाता है। मालखाना के प्रभारी अधिकांश थाना प्रभारी ही होते हैं। थाना प्रभारी का स्थानांतरण हो जाता है और वे बिना चार्ज दिए दूसरे स्थान पर चले जाते हैं और मालखाना बिना प्रभार के चलते रहता है। वरीय अधिकारियों के दिशा-निर्देश आने के बाद मालखाना का प्रभार लेने में सक्रियता प्रभारियों में देखी जाती है। वर्तमान में हाई कोर्ट के अवैध हथियार के निस्तारण करने से संबंधित योजना मांगी तो थाना प्रभारियों में मालखाना का चार्ज संभालने में तेजी देखी जा रही है।

एसपी रख रहे नजर

मालखाना का चार्ज लेन-देन को लेकर कुछ मामले आए हैं। इसे सुलझा लिया जाएगा। वैसे जिले में मालखाना का प्रभार ठीक-ठाक है।

-अनूप बिरथरे, एसएसपी

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