Jharkhand Culture : रोगमुक्त जंगली जीव जंतु की आबादी बढ़ाने की मनोकामना के साथ जमशेदपुर के बालीगुमा में मनाया गया दिशोम बाहा
Jamshedpur News दिशोम जाहेर गाढ़ गोड़गोड़ा बालीगुमा में आदिवासी समाज ने श्रद्धाभाव से दिशोम बाहा पर्व मनाया। इस अवसर पर प्रकृति की उपासना की गई सर्वप्रथम नाइके बाबा की अगुवाई में मारांगबुरू जाहेर आयो मोड़ें तुरुय की पूजा अर्चना साल के फुल और महुआ के फुल से किया गया।
जमशेदपुर : दिशोम जाहेर गाढ़ गोड़गोड़ा बालीगुमा में आदिवासी समाज ने श्रद्धाभाव से दिशोम बाहा पर्व मनाया। इस अवसर पर प्रकृति की उपासना की गई सर्वप्रथम नाइके बाबा की अगुवाई में मारांगबुरू जाहेर आयो मोड़ें तुरुय की पूजा अर्चना साल के फुल और महुआ के फुल से किया गया।
जाहेर थान में नायके बाबा ग्रामीणों ने पूजा अर्चना करते हुए गांव समाज के सुख समृद्धि, बीमारी, महामारी, रोगमुक्त जंगली जीव जंतु की आबादी बढ़ाने, मौसम के समय अनुसार आगमन, किसानों की उपज में वृद्धि, आपसी भाईचारा की कामना किया। मुर्गा और मुर्गी का खिचड़ी बनाकर सामूहिक रूप से ग्रहण किया गया। नायके बाबा ने सभी को साल का फुल प्रदान किया। महिलाओं ने भी साल का फुल को अपने जुड़े में और पुरुष ने अपने कान में लगाया। इस अवसर पर आयोजित सभा का संचालन मदन मोहन सोरेन एवं सनातन टुडू संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में जानेमाने समाजसेवी सह झारखंड मुक्ति मोर्चा केन्द्रीय सदस्य गुरुचरण किस्कु ने कहा कि आदिवासी समाज को अपनी विरासत की परंपरा एवं सांस्कृतिक धरोहर को बचाए रखने के लिए सचेत रहना होगा। इस कार्यक्रम में जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी के अलावा विश्व सरना संगठन के अध्यक्ष मंगल मांझी, मानगो गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान भगवान सिंह ने भी संबोधित किया। दिशोम बाहा को सुचारू रूप से संपन्न कराने में सुखलाल टुडु, फतेह चांद टुडु, मदन मोहन सोरेन, कृष्णा हांसदा, माझी बाबा रमेश मुर्मू, सनातन टुडु, सुखलाल हांसदा, मोहन हांसदा का योगदान सराहनीय रहा।