चीनी झालर के बीच 'मेक इन इंडिया' ने बनाई जगह

कोरोना के बाद भारत धीरे-धीरे ही सही उन उत्पादों में भी आत्मनिर्भर बना रहा है जिसमें चीनी कंपनियों का एकाधिकार था। यह स्थिति दीपावली पर सजावट के लिए लगने वाली रंगबिरंगी झालरों का है। दो वर्ष पहले तक अपने देश में इसका उत्पादन नहीं के बराबर हो रहा था अब तेजी से होने लगा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 05:00 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 05:00 AM (IST)
चीनी झालर के बीच 'मेक इन इंडिया' ने बनाई जगह
चीनी झालर के बीच 'मेक इन इंडिया' ने बनाई जगह

जासं, जमशेदपुर : कोरोना के बाद भारत धीरे-धीरे ही सही उन उत्पादों में भी आत्मनिर्भर बना रहा है, जिसमें चीनी कंपनियों का एकाधिकार था। यह स्थिति दीपावली पर सजावट के लिए लगने वाली रंगबिरंगी झालरों का है। दो वर्ष पहले तक अपने देश में इसका उत्पादन नहीं के बराबर हो रहा था, अब तेजी से होने लगा है। गत वर्ष की दीपावली कोरोना की वजह से फीकी थी, तब भी कुल बाजार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी भारतीय झालर की थी। इस बार यह 40 प्रतिशत हो गई है। धनतेरस पर अपने यहां के दुकानदारों की बिक्री भी बढ़ गई है।

बिजली उपकरण के कारोबारी तुषार डे बताते हैं कि इंडियन झालर चाइनिज की तुलना में थोड़े महंगे हैं, लेकिन इसमें छह माह की गारंटी भी है। चाइनिज झालर अब भी बिना गारंटी के बिक रही हैं, पहले भी बिकतीं थे। इस बार बड़े दाने वाले ज्यादातर लाइट भारतीय हैं, जो दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद, चंडीगढ़ आदि में बन रहे हैं। अब तक छोटे राइस लाइट इंडिया में नहीं बन रहे हैं, लेकिन बड़े आकार में इनकी क्वालिटी और खूबसूरती चाइनिज से कम नहीं है।

मानगो के दुकानदार सुभाष बताते हैं कि भारत में जो झालर इस बार बिक रही हैं, उसमें चाइनिज 60 और इंडियन 40 प्रतिशत है। हालांकि एलईडी बल्बों में लगने वाला चिप्स चीन, जापान व कोरिया से आयात किया जा रहा है, लेकिन एलईडी का प्लास्टिक मैटेरियल, तार, स्विच यहीं का है। उम्मीद है कि आने वाले एक-दो वर्ष में हम अब चीन पर निर्भर नहीं रहेंगे।

कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया ने कहा कि चाइनिज लाइट का वर्चस्व पिछले करीब 15 वर्ष से रहा। इससे पहले कोलकाता व दिल्ली में दीवाली के झालर बनते ही थे। इस बीच आटोमोबाइल समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के लिए यहां एलईडी लाइट बन रही थीं, लेकिन दीपावली के लिए नहीं बनती थीं। अब चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से आह्वान किया है, उसका असर दिख रहा है। भारत में ऐसा कोई उत्पाद नहीं है, जो नहीं बन सकता। हां, कीमत में हम चीन से पिछड़ रहे थे। हो सकता है कि आगे भी हम चीन से कीमत में बराबरी नहीं कर सकते, लेकिन अब यहां उत्पादन हो रहा है, यही बड़ी बात है।

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