कोल्हान विश्वविद्यालय के चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों का हुआ 2011 से लंबित ग्रेड पे का निर्धारण, प्रतिमाह पांच से छह हजार रुपए होगा फायदा

कोल्हान विश्वविद्यालय ने वर्ष 2011 से लंबित चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की एक प्रमुख मांग को पूरा कर दिया है। कर्मचारियों के वेतनमान में त्रुटियों का निराकरण करते हुए इससे संबंधित पत्र कोल्हान विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की ओर से उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक को सौंप दिया है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Tue, 30 Mar 2021 03:12 PM (IST) Updated:Tue, 30 Mar 2021 03:13 PM (IST)
कोल्हान विश्वविद्यालय के चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों का हुआ 2011 से लंबित ग्रेड पे का निर्धारण, प्रतिमाह पांच से छह हजार रुपए होगा फायदा
कोल्हान विश्वविद्यालय की फाइल फोटो, यही से हुआ ग्रेड पे का निर्धारण

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। कोल्हान विश्वविद्यालय ने वर्ष 2011 से लंबित चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की एक प्रमुख मांग को पूरा कर दिया है। कर्मचारियों के वेतनमान में त्रुटियों का निराकरण करते हुए इससे संबंधित पत्र कोल्हान विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की ओर से उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक को सौंप दिया है। समर्पित पत्र में त्रुटियों का निराकरण करते हुए ग्रेड पे का स्केल निर्धारित कर दिया गया है। इस ग्रेड पे का लाभ एक अप्रैल 2011 से लंबित है। इसका फायदा घाटशिला, वर्कर्स, ग्रेजुएट, वीमेंस कॉलेज, केएस कॉलेज सरायकेला, सिंहभूम कॉलेज चांडिल के कॉलेजों को मिलेगा। कुल 75 चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों को प्रतिमाह 5-6 हजार रुपए में वेतन में बढ़ोत्तरी होगी। बढ़ा हुआ वेतनमान अगले माह से मिलने लगेगा। एरियर की बात करें तो एक-एक कर्मचारियों को 5-6 लाख रुपए प्राप्त होंगे। मालूम हो लंबित ग्रेड पे के निर्धारण के लिए कर्मचारी संघ कई बार आंदोलन कर चुके हैं। धरना एवं काम बंद तक आंदोलन हो चुका है। कर्मचारियों की लंबित मांग पूरी करने के लिए झारखंड विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ की कोल्हान प्रक्षेत्र कमेटी के सचिव विश्वंभर यादव, प्रांतीय उपाध्यक्ष रमेश चंद्र ठाकुर, प्रेस प्रवक्ता चंदन कुमार ने कुलपति प्रोफेसर गंगाधर पंडा, कुलसचिव डा. जयंत शेखर तथा प्रभारी वित्त पदाधिकारी डा. पीके पाणि का आभार जताया है। संघ के इन पदाधिकारियों ने बताया है कि कुलपति द्वारा कर्मचारियों के हित में लिया गया फैसला काबिले तारीफ है। इस मांग को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय को दस साल लग गए। वर्तमान कुलपति की कार्यशैली की तारीफ भी संघ के पदाधिकारियों ने की है।

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