Ramanavmi : कोरोना का कहर, फिर भी हर तरफ राम नाम की लहर
कोरोना का कहर के बावजूद रामनवमी पर उत्साह का लहर देखा जा रहा है। पूरा शहर केसरिया झंडों से पट गया है। हालांकि इस बार भी पिछले साल की तरह किसी भी प्रकार का जुलूस निकालने की मनाही है।
जमशेदपुर : कोरोना का कहर के बावजूद रामनवमी पर उत्साह का लहर देखा जा रहा है। पूरा शहर केसरिया झंडों से पट गया है। हालांकि इस बार भी पिछले साल की तरह किसी भी प्रकार का जुलूस निकालने की मनाही है। चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर शहर में सुबह से ही रामनवमी की चहल-पहल रही। मंदिरों व अखाड़ों में सोमवार को कलश स्थापना के साथ महावीरी झंडे लहरा रहे हैं। नवरात्र पर मंगलवार को देवी दुर्गा का अष्टमी पूजन होगा। इसके साथ ही अखाड़ों में शाम को करतबबाजों ने लाठ-तलवार आदि से अभ्यास का श्रीगणेश भी कर रहे हैं। इस दौरान शहर के प्रमुख अखाड़ों में खिचड़ी का भोग भी बन रहा है, जिसे श्रद्धालुओं ने आदरपूर्वक ग्रहण करेंगे।
साकची बाजार में महावीरी झंडा खरीदते भक्त
साकची, मानगो, बिष्टुपुर, सोनारी, कदमा समेत अन्य बाजारों में महावीरी झंडों व हरे बांस की खूब बिक्री हो रही है। पूजन सामग्री व फल आदि की खूब खरीदारी हो रही है। इसे लेकर बाजार में सुबह से ही भीड़ नजर आ रही है।
साकची स्थित शीतला मंदिर के पुजारी पं. राजू वाजपेयी ने बताया कि उनके यहां महंत बलदेव दास अखाड़ा में भी रामनवमी झंडा लगाया गया। बजरंग बली की प्रतिमा स्थापित की गई। अब 21 अप्रैल को रामनवमी के दौरान भी भोग-प्रसाद बनेगा। दशमी को रामनवमी झंडे का सादगी के साथ विसर्जन किया गया। शहर के भालूबासा स्थित जंबो अखाड़ा समेत सोनारी, कदमा, मानगो, साकची, बिष्टुपुर, टेल्को, गोविंदपुर समेत विभिन्न अखाड़ों में रामनवमी अखाड़ों में पूजा व भोग का अनुष्ठान हुआ। कोरोना को देखते हुए श्रद्धालुओं की संख्या काफी सीमित रही। कोरोना की वजह से इस बार सार्वजनिक स्थानों पर अखाड़े नहीं निकलेंगे। दशमी को भी सादगी के साथ झंडों का विर्सन किया जाएगा। इसे नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने पहले ही दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी है।