डीएवी बिष्टुपुर ने नहीं लिया आरक्षित श्रेणी के बच्चे का नामांकन, कार्रवाई की अनुशंसा

शिक्षा विभाग ने जांच प्रतिवेदन तो भेज दिया लेकिन क्या कार्रवाई की यह नहीं भेजा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 09:00 AM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 09:00 AM (IST)
डीएवी बिष्टुपुर ने नहीं लिया आरक्षित श्रेणी के बच्चे का नामांकन, कार्रवाई की अनुशंसा
डीएवी बिष्टुपुर ने नहीं लिया आरक्षित श्रेणी के बच्चे का नामांकन, कार्रवाई की अनुशंसा

जासं, जमशेदपुर : डीएवी बिष्टुपुर इस बार आरटीई एक्ट के तहत कार्रवाई के दायरे में आ गया है। स्कूल पर कार्रवाई की अनुशंसा के साथ जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) विनीत कुमार ने कोल्हान आयुक्त को इस संबंध में पत्र भेजा है। दरअसल डीएवी बिष्टुपुर ने कदमा के रहने वाले बढ़ई उपेंद्र कुमार के बेटे का एडमिशन वर्ष 2019 में तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद आरक्षित श्रेणी (बीपीएल कोटा) में नहीं लिया। थक हार कर इस मामले की जानकारी जमशेदपुर अभिभावक संघ के अध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार को दी।

डॉ. उमेश ने शिक्षा विभाग एवं राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को पत्र भेजा। आयोग ने शिक्षा विभाग से मामले की जांच कर प्रतिवेदन भेजने को कहा था। शिक्षा विभाग ने जांच प्रतिवेदन तो भेज दिया, लेकिन क्या कार्रवाई की यह नहीं भेजा। इसके बाद आयोग की ओर से पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को निर्देश दिया कि स्कूल पर आरक्षित श्रेणी में बच्चे का नामांकन नहीं लेने तथा शिक्षा विभाग के आदेश की अवहेलना का आरोप सिद्ध होने के बावजूद अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई। इसके बाद शिक्षा विभाग की ओर से मंगलवार को कोल्हान आयुक्त एक्शन टेकन रिपोर्ट से संबंधित पत्र भेजा गया। इस पत्र में लिखा गया है कि डीएवी बिष्टुपुर ने जानबूझकर उपेंद्र कुमार के बच्चे का एडमिशन नहीं लिया है। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से भी आदेश दिया गया था।

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50 सीट में से मात्र हर साल 13-14 बच्चों का ही होता है एडमिशन

शिक्षा विभाग के पास डीएवी बिष्टुपुर के जो आंकड़े हैं। उसे देखने पर यह प्रतीत हो रहा है कि इस स्कूल में आरक्षित श्रेणी के बच्चों के नामांकन के लिए नियमानुसार 50 सीट निर्धारित है, लेकिन पांच वर्ष में हर साल 13-14 बच्चों का ही एडमिशन होता है।

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स्कूल नहीं मान रहा सीओ द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र

अभिभावक उपेंद्र कुमार के बच्चे के नामांकन के संबंध में जमशेदपुर सीओ द्वारा निर्गत जो प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है, वह डीएवी बिष्टुपुर नहीं मान रहा है। सीओ की ओर से उपेंद्र कुमार को 72 हजार का आय प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। स्कूल इसे गलत बता रहा है। जब शिक्षा विभाग ने सही होने का साक्ष्य मांगा तो स्कूल इसे दे नहीं पाया।

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क्या है आरटीई का 12 वन सी : दरअसल आरटीई की इस धारा का मतलब सीधे-सीधे स्कूल की मान्यता से जुड़ा है। इस धारा का उल्लंघन सिद्ध होने पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग संबंधित बोर्ड को स्कूल की मान्यता को निरस्त करने की अनुशंसा करेगा। जिला शिक्षा विभाग से इससे संबंधित प्रतिवेदन आयुक्त के पास सबसे पहले जाएगा। वहां से प्राथमिक शिक्षा निदेशक को जाएगा। निदेशक के यहां से फिर से उपायुक्त के पास मामले की अंतिम रूप से सत्यापन के लिए आएगा। उपायुक्त के स्तर से अंतिम रूप से सत्यापन होने के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग संबंधित बोर्ड को मान्यता समाप्त करने के लिए पत्र लिखेगा।

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'आयोग के निर्देश के अनुसार एक्शन टेकन रिपोर्ट से संबंधित पत्र आयुक्त को भेज दिया गया है। इसकी प्रतिलिपि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को भी भेजी गई है। स्कूल को कई बार मौका दिया गया, लेकिन स्कूल अपनी बात पर अड़ा रहा और विभागीय आदेश की भी परवाह नहीं की। इस कारण स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।

- विनीत कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक, पूर्वी सिंहभूम।

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कान्वेंट मामले में निदेशालय ने भेजा उपायुक्त को पत्र

सेक्रेड हार्ट कान्वेंट स्कूल में आरटीई प्रावधानों का उल्लंघन तथा अप्रत्याशित फीस वृद्धि के मामले में पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने पत्र भेजा है। इस पत्र में उल्लेखित तथ्यों का सत्यापन कर सूचित करने को कहा है। यह पत्र 20 दिन पूर्व ही आया है। कोविड-19 के कारण सत्यापन का कार्य नहीं हो पा रहा है। मालूम हो कि इस मामले में जिला शिक्षा अधीक्षक विनीत कुमार ने जांच रिपोर्ट कार्रवाई की अनुशंसा के साथ कोल्हान आयुक्त को भेजी थी। आयुक्त के स्तर से इसे प्राथमिक शिक्षा निदेशालय अपने मंतव्य के साथ भेज दिया गया था।

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