Dalma Reopen: बुला रही दलमा रोमाचंक वादियां, 342 दिन बाद पर्यटकों के लिए खुल
Dalma Reopening. दलमा को बरसात में एक माह बंद कर दिया जाता है। इसके बाद 11 माह तक पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। हाथियों के झुंड हिरण पार्क तितली की रंग बिरंगी दुनिया शिव मंदिर हनुमान मंदिर दलमा माई की गुफा रोमांच पैदा कर देते हैं।
जमशेदपुर, जासं। देश- विदेश के प्रकृति व जानवर प्रेमियों के लिए दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी स्वर्ग से बढ़कर है। हाथियों के लिए संरक्षित दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी के कारण लॉकडाउन लगा दिया गया था। इसके बाद 24 मार्च 2020 को पार्क बंद करने संबंधी आदेश आ गया था। उस समय से आज 342 दिनों बाद दलमा आम पर्यटकों के लिए खोल दिया गया।
दलमा के डीएफओ अभिषेक कुमार ने बताया कि सरकार का पत्र उन्हें मिल गया है। पत्र मिलते ही उन्होंने अपने अधीन पदाधिकारियों को दलमा आम पर्यटकों के लिए खोलने का आदेश दे दिया। वहीं दलमा में गेस्ट हाउस बुक करने वाले फारेस्टर अंचित राणा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अब तक किसी पर्यटक ने कमरा बुक नहीं कराया है। उन्होंने बताया कि एक दो दिनों में पर्यटकों का आना शुरू हो जाएगा। इसके लिए मकुलाकोचा में रेस्टोरेंट भी तैयार है। बता दें कि दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है। दलमा की 3000 फीट की उंचाई से शहर का नजारा टिमटिमाता हुआ जुगनू जैसा दिखता है। पर्यटकों रहने से लेकर खाने-पीने की व्यवस्था भी दलमा के अंदर कर दिया गया है।
पर्यटकों को राेमांच कर देता है दलमा
दलमा के रेंजर दिनेश चंद्रा कहते हैं कि दलमा में 3000 फीट की उंचाई पर ट्री हाउस बनाए गए हैं, जहां से हाथियों के अलावा अन्य जानवरों को नजदीक से देख सकते हैं। उन्होंने बताया कि दलमा को बरसात में एक माह बंद कर दिया जाता है। इसके बाद 11 माह तक पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। दलमा में आने वाले पर्यटक हाथियों के झुंड, हिरण पार्क, तितली की रंग बिरंगी दुनिया, शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, दलमा माई की गुफा, बंबू हट पर्यटकों के अंदर रोमांच पैदा कर देता है।
प्रवेश द्वार मकुलाकोचा में हैं पर्यटकों के लिए 18 गेस्ट हाउस
दलमा के प्रवेश द्वार मकुलाकोचा में पर्यटकों के लिए 18 गेस्ट हाउस बनाए गए हैं जिसकी बुकिंग कराकर पर्यटक रात प्रकृति की गोद में बिता सकते हैं। मकुलाकोचा से 16 किलोमीटर घुमावदार पहाड़ी सड़कों से होकर 3000 फीट की उंचाई पर बने पिंड्राबेड़ा गेस्ट हाउस पहुंच सकते हैं। यहां वैसे तो सात गेस्ट हाउस हैं, जिसमें से तीन को रिजर्व रखा जाता है बाकि चार गेस्ट हाउस में पर्यटक बुकिंग करा सकते हैं।
मकुलाकोचा में कॉटेज - 1100 रुपये मकुलाकोचा में अन्य गेस्ट हाउस - 600 रुपये पिंड्राबेड़ा में गेस्ट हाउस - 800 रुपये