Bank Fraud : साइबर ठगों ने बदला ट्रेंड, अब इस तरह कर रहे ठगी, आरबीआई ने चेताया

Bank Fraud बैंक डाल-डाल तो साइबर ठग पात-पात। लाख सुरक्षा की दीवार मजबूत हो बैंक फ्रॉड हो ही जाता है। अब साइबर ठगों ने लोगों को अपने जाल में फंसाने का ट्रेंड बदल दिया है। आपके लिए यह जानना जरूरी है क्योंकि आप भी इसका शिकार हो सकते हैं।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 06:15 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 06:15 AM (IST)
Bank Fraud : साइबर ठगों ने बदला ट्रेंड, अब इस तरह कर रहे ठगी, आरबीआई ने चेताया
साइबर ठगों ने बदला ट्रेंड, अब इस तरह कर रहे ठगी, आरबीआई ने चेताया

जमशेदपुर, जासं। बैंक में केवाइसी, जिसे ‘नो योर कस्टमर’ या "अपने ग्राहक को जानिए’ भी कहा जाता है, बैंकों की सामान्य प्रक्रिया है। आमतौर पर बैंकिंग फ्रॉड करने वाले इसी के नाम पर बैंक खाताधारकों से ठगी करते हैं, क्योंकि ग्राहक इसे सामान्य समझकर अपने बैंक खाता से संबंधित सभी विवरण बता देता है। इसके बाद उसकी जमा-पूंजी सेकेंड भर में गायब हो जाती है। लेकिन बैंकिंग धोखाधड़ी का यही एक तरीका नहीं है। 

भारतीय रिजर्व बैंक या रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस संबंध में विस्तार से ग्राहकों को चेताया है कि ऐसे कौन-कौन से तरीके हैं, जिसके झांसे में पढ़े-लिखे या जानकार लोग भी भ्रम में पड़कर ठगी के शिकार हो जाते हैं। हालांकि, अब भी ज्यादातर ग्राहक केवाइसी के नाम पर ही धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं। ठग केवाइसी कराने की बात कहकर इस तरह डराते हैं कि भोले-भाले ग्राहक आसानी से अपने बैंक खाता का विवरण और व्यक्तिगत जानकारी बता देते हैं। इसके साथ ही ठग ग्राहकों के खातों को साफ कर देते हैं।

कभी भी फोन पर व्यक्तिगत या खाते की जानकारी ना दें

भारतीय रिजर्व बैंक ने चेतावनी दी है कि ग्राहक फोन पर अपने बैंक खाता या व्यक्तिगत जानकारी किसी को ना दें। बैंक फोन करके किसी ग्राहक से ऐसी जानकारी नहीं मांगता है, ध्यान रखें। अमूमन ठग या साइबर फ्रॉड ग्राहकों से व्यक्तिगत विवरण, खाते, लॉगिन विवरण, एटीएम कार्ड की जानकारी, पिन, ओटीपी आदि बताने को कहते हैं।

यदि आपको इस संबंध में कोई ईमेल या एसएमएस भी भेजकर देने को कहता है, तो कभी भी इस पर ध्यान ना दें। यदि आपको कोई शंका हो तो अपने बैंक शाखा में जाकर या बैंक प्रबंधक से बात करके इसकी पुष्टि करें। रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक खातों से संबंधित कोई ईमेल या एसएमएस आए तो उसका जवाब ना दें। पहले संतुष्ट हो जाएं।

लोन के नाम पर भी हो रही ठगी

अब बैंकिंग फ्रॉड एक नए तरीके से ठगी कर रहे हैं। इसमें आपको ईमेल या एसएमएस भेजा जाता है कि आपका इतने लाख या करोड़ का लोन स्वीकृत हो गया है। आगे की प्रक्रिया के लिए अमुक जानकारी दें। इसमें ऐसे ग्राहक फंस सकते हैं, जिन्होंने किसी लोन के लिए आवेदन दिया हो। जिसने नहीं भी दिया है, वह एकबारगी यह सोचकर फंस जाता है कि उसे अपने आप बैंक से इतना लोन मिल रहा है, तो लेने में क्या हर्ज है। दरअसल, बैंकिंग फ्रॉड ने ग्राहकों को फंसाने या ट्रैप करने के लिए यह नया तरीका ढूंढा है। इसमें कई जानकार ग्राहक भी इन तरकीबों के शिकार हो रहे हैं।

मासिक रिटर्न ज्यादा देने का लालच

यहां एक बार फिर बता दूं कि ऑनलाइन धोखाधड़ी केवल केवाईसी तक सीमित नहीं है। यदि आपने किसी बैंकिंग योजना में निवेश किया है, जहां मासिक, तिमाही या वार्षिक रिटर्न मिलने का प्रावधान है, तो साइबर ठग इसके माध्यम से भी शिकार फंसाते हैं। वे आपको लालच देंगे कि आपके रिटर्न की राशि बढ़ जाएगी, यदि उनके कहे अनुसार जानकारी ेदेंगे। बस इसी लालच में फंसकर ग्राहक ठग को अपनी पूरी जानकारी दे देता है। इसके झांसे में कभी नहीं आएं। कई लोग इसमें अपना पैसा गंवा चुके हैं।

 

आरडी-एफडी के नाम पर भी होती धोखाधड़ी

बैंकिंग ठग लोगों को ज्यादा ब्याज देने का लालच देकर रेकरिंग डिपोजिट या आरडी और फिक्स्ड डिपोजिट या एफडी कराने का प्रस्ताव देते हैं। लोग इसमें लाख या करोड़ रुपये तक जमा करने को तैयार हो जाते हैं। दरअसल, यह ग्राहकों को लालच देकर उनके खाते को साफ करने का हथकंडा होता है।

किसी भी लालच में न आएं, मुफ्त में कुछ नहीं मिलता

रिजर्व बैंक की इस चेतावनी का आशय यह है कि ग्राहक किसी भी लालच में न आएं। ध्यान रहे कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता। आज जहां बैंकों के ब्याज दर काफी घट गए हैं, आप इस चक्कर में ना पड़ें कि कोई बैंक या वित्तीय संस्थान आपको बेवजह ज्यादा ब्याज दे देगा। आपको अपने पैसे के बदले कई गुना रिटर्न दे देगा। ऐसा कहीं नहीं होता है, इसलिए जब भी कोई बैंकिंग लेन-देन या जानकारी की बात हो, सीधे अपने बैंक शाखा से संपर्क करें। किसी अनाधिकृत या संदेहास्पद व्यक्ति से इस संबंध में कोई बात ना करें।

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