साइबर अपराधियों ने उडायी नींद : केवाइसी के नाम पर सिदगोड़ा और गोलमुरी के दो लोगों को लगाया चूना
बैंक का नाम लेकर अगर आपको केवाइसी अपडेट कराने के लिए फोन जाए तो उसे नजरअंदाज करें। अगर आपने नजरअंदाज नहीं किया तो ठगा जाना तय है। जमशेदपुर के दो लोगों को एक ही साइबर ठग ने केवाइसी अपडेट कराने का झांसा देकर ठगी का शिकार बनाया।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। जमशेदपुर में साइबर ठगों के शिकार हर दिन लोग बन रहे है। ताजा मामले में शहर के दो लोगों को एक ही साइबर ठग ने केवाइसी अपडेट कराने का झांसा देकर ठगी का शिकार बनाया। सिदगोड़ा थाना क्षेत्र एग्रिको निवासी तन्मय कुमार सिंह से साइबर ठग ने पहले ठगी की। नौ अगस्त को मोबाइल नंबर 7797322085 से उनके बीएसएनएल मोबाइल नंबर पर मैसेज आया कि उसके नंबर का केवाइसी अपडेट नहीं है जिस कारण 24 घंटे बाद उनके मोबाइल का सिम बंद हो जाएगा।
यह सुनते ही तन्मय कुमार सिंह परेशान हो गए। दिए गए नंबर पर फोन किया तो ठग ने केवाइसी के लिए 12 रुपए का रिचार्ज करने को कहा। रिचार्ज करने के लिए उसने क्विक सपोर्ट एप डाउनलोड करवाकर उनका कार्ड का ब्यौरा भरने को कहा। कार्ड की जानकारी भरते ही उनके एलआइसी क्रेडिट कार्ड से दो बार में कुल 69,500 रुपए कटने का मैसेज मिला। तुरंत क्रेडिट कार्ड कंपनी को फोन कर कार्ड ब्लॉक करवाया। क्रेडिट कार्ड कंपनी के अनुसार उनका पैसा होल्ड कर दिया गया है। इधर, दूसरी घटना में इसी मोबाइल नंबर से गोलमुरी केबल टाउन निवासी 77 वर्षीय अंबिका चरण सारंगी से बीएसएनएल में केवाईसी के नाम ठगी की गई। ठग ने इसी तरीके से बैंक खाते से कुल 87,289 रुपए की अवैध निकासी कर ली। दोनों मामलों में बिष्टुपुर स्थित साइबर थाना में लिखित शिकायत की गई।
राजस्थान के युवक का मोबाइल नंबर इस्तेमाल कर बनाया गया था फर्जी अकाउंट
जमशेदपुर के एसएसपी डॉ एम तमिल वानन का साइबर अपराधियों ने इंटरनेट मीडिया पर फर्जी अकाउंट बना लिया था जिसकी जांच करते हुए साइबर अपराध शाखा की पुलिस राजस्थान के नागौर के एक युवक तक पहुंची। उसे हिरासत में लेकर जमशेदपुर लाई, लेकिन पूछताछ में उससे कुछ जानकारी नहीं मिली। युवक ने बताया कि मोबाइल नंबर उसका ही है। उसका नंबर साइबर अपराधियों तक कैसे पहुंचा, उसे नहीं मालूम। पूरी सत्यता के बाद पुलिस ने उसे वापस राजस्थान भिजवा दिया। पुलिस की माने तो युवक का मोबाइल नंबर साइबर अपराधियों ने हैक कर लिया। नंबर का इस्तेमाल कर एसएसपी का फर्जी अकाउंट बना लिया गया। इधर, एसएसपी ने बताया कि दिसंबर 2020 में फेक अकाउंट बना लिया गया था। जांच में पता चला कि माेबाइल नंबर राजस्थान के युवक का है, लेकिन मामले में उसकी कोई संलिप्तता नहीं मिली। गौरतलब है कि बिष्टुपुर साइबर अपराध थाना में फेक अकाउंट मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अकाउंट में एसएसपी की तस्वीर डाली गई थी। हुबहू उस पेज को ठीक उसी तरह बनाया गया था जैसा एसएसपी के अकाउंट हैै। जानकारी के बाद एसएसपी ने लोगाें से फ्रेंड रिक्वेस्ट को नजरअंदाज करने की अपील की थी। इससे पहले कोल्हान के तत्कालीन डीआइजी राजीव रंजन सिंह का भी इंटरनेट मीडिया पर फर्जी अकाउंट बना साइबर अपराधियों ने बना लिया था।