Murder in Love: प्रेम में पागल इस जोडे ने कर दी थी पांच परिजन की हत्या, अब कह रहे ये बात

Chaitali-Rizwan Love. हत्या मामले में फरारी के दौरान चैताली-रिजवान के बेटे का जन्म हुआ था। नवजात बेटा भी चैताली-रिजवान के साथ कई दिनों तक जेल में रहा। पांच वर्ष की उम्र होने के बाद बेटे को रिजवान की मां को सौंप दिया गया था।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 09:28 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 09:24 AM (IST)
Murder in Love: प्रेम में पागल इस जोडे ने कर दी थी पांच परिजन की हत्या, अब कह रहे ये बात
हत्या मामले में फरारी के दौरान चैताली-रिजवान के बेटे का जन्म हुआ था।

जमशेदपुर, अन्वेश अंबष्ठ। Chaitali-Rizwan Love उत्तर प्रदेश के अमरोहा की शबनम के बेटे के भविष्य को देखकर कुछ निर्णय लिया जाना चाहिए। बेटे के सिवाय उसका कोई नहीं है। दोनों एक-दूसरे का सहारा हैं। शबनम को अगर फांसी हो जाएगी, तो उसके बेटे का क्या होगा। एक साथ दो जान चली जाएगी। शबनम विगत 12 साल से अधिक समय से जेल में है। जिंदगी का लंबा समय जेल में बिता चुकी है। कुछ पहल होनी चाहिए। यह रिजवान और उसकी पत्नी चैताली का मानना है।

दोनों टेल्को कालोनी में रहते हैं। एक बेटा और एक बेटी है। बेटा 21 साल का हो गया। बेटी पांच साल की है। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई दंपती की प्राथमिकता है। गौरतलब है कि शबनम को अपने ही परिवार के आठ सदस्यों की हत्या में फांसी की सजा सुनाई गई है। शबनम की आपबीती चैताली-रिजवान की तरह मिलती-जुलती है। शबनम 2008 से जेल में बंद है। 18 साल से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद निकले रिजवान और चैताली सामान्य जिंदगी जी रहे हैं। इन्हें भी बीती घटना को लेकर बहुत पछतावा है और उसे याद भी नहीं करना चाहते हैं। रिजवान का कहना है कि मन कचोटता है। जब आदमी जेल में रहता है, तब समझ में आता है कि क्यों ऐसी गलती की। मेरे अंदर का खिलाड़ी आज भी जिंदा है।

रिजवान रणजी क्रिकेटर रह चुके हैं

बता दें कि रिजवान रणजी क्रिकेटर रह चुके हैं। जेल में भी जितने दिन रिजवान रहे बंदियों के अधिकार के लिए लड़ते रहे। हमेशा चर्चा में रहे। दो अक्टूबर 2018 को रिजवान की रिहाई झारखंड के डाल्टेनगंज और चैताली की दुमका जेल से हुई थी।रिजवान कहते हैं कि जेल से रिहा होने के बाद सबसे पहले वह क्रिकेट के उस मैदान में गया था, जहां उसने प्रशिक्षण लिया था। अब लोगों से मिलना-जुलना होता है। अब पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहता। समय ने बहुत कुछ सिखा दिया।चैताली-रिजवान हत्याकांड के 21 साल बीत जाने के बाद भी शहरवासियों में उस घटना की चर्चा होती है। प्रेम प्रसंग में बाधक बनने पर चैताली ने अपने प्रेमी रिजवान के साथ मिलकर अपने माता-पिता, भाई व नानी की हत्या कर दी थी।

शव को घर के शौचालय की टंकी में डाल दिया था

इतना ही हत्या के बाद शव को घर के शौचालय की टंकी में डाल दिया था। टंकी से नरकंकाल बरामद हुआ था। हत्या के बाद भी कई दिनों तक प्रेमी-प्रेमिका घर में साथ रहे थे। इनके फरार होने के कई दिनों बाद आम लोगों व पुलिस को यह जानकारी हुई कि चार लोगों की हत्या प्रेमी-युगल ने कर दी थी। शहर का यह चर्चित हत्याकांड जमशेदपुर के गोविंदपुर थाना क्षेत्र के घोड़ाबांधा इलाके से जुड़ा हुआ है। मामला वर्ष 1999 का है। जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश कृष्ण मुरारी गुप्ता की अदालत ने पुलिस द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्य एवं गवाही के आधार पर वर्ष 2000 में चैताली व रिजवान को फांसी की सजा सुनाई थी। बाद में अपील याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था।

फरारी के दौरान चैताली-रिजवान के बेटे का जन्म

विदित हो कि हत्या मामले में फरारी के दौरान चैताली-रिजवान के बेटे का जन्म हुआ था। नवजात बेटा भी चैताली-रिजवान के साथ कई दिनों तक जेल में रहा। पांच वर्ष की उम्र होने के बाद बेटे को रिजवान की मां को सौंप दिया गया था।

chat bot
आपका साथी